धान फसल का निरीक्षण कर उप संचालक कृषि एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा कृषकों को दी गई समसमायिक सलाह
वर्तमान मौसम में रूक-रूक कर हो रही बारीश एवं आगामी दिनों में भी वर्षा की संभावना को देखते हुए कलेक्टर डॉ राहुल हरीदास फटिंग के निर्देशानुसार विगत 12 अक्टूबर 20 को उपसंचालक कृषि श्री मोरिश नाथ, कृषि विज्ञान केंद्र सिवनी के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ एन.के. सिंह, वैज्ञानिक डॉ. के.के. देशमुख द्वारा बरघाट विकासखंड के ग्राम मुंडापार, खूंट एवं टिकारी में धान फसल का निरीक्षण किया गया। जिसमें वर्तमान में भूरा फुदका कीट का प्रकोप देखा गया। जिसमें कृषकों को वर्तमान में यदि भूरा फुदका कीट की संख्या 5 से 10 फुदका प्रति हिल से अधिक है तो खेत से पानी निकासी करने की सलाह दी गयी साथ ही नियंत्रण के लिए पायमेट्रोजिन 50 प्रतिशत डब्लू.जी. दवा का 120 ग्राम या डाईनोटेफ्यूरान 20 प्रतिशत एस.जी. का 80 ग्राम या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एस.एल. का 60 मि.ली. या ऐसीफेट 75 प्रतिशत एस.पी. का 400 ग्राम प्रति एकड़ दवा 150 से 180 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करने की सलाह दी गयी। धान के कुछ खेतों में नेक ब्लास्ट रोग का प्रकोप देखा गया जिसके नियंत्रण के लिए टेबुकोनाजोल 50 प्रतिशत ट्राईफ्लोक्सीस्ड्रोबिन 25 प्रतिशत का 80 ग्राम या आईसोप्रोथीओलेन फ्लुजीओन 40 ई. सी. का 300 मि.ली. प्रति एकड दवा 150 से 180 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करने की सलाह दी गयी। वर्तमान आगामी दिनों में बारीश की संभावना को देखते हुए किसान भाई से अपनी फसल को कटाई के पश्चात सुरक्षित स्थान में भंडारित करने की अपील की गई है।