प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि सुधार
कानूनों का रविवार को बचाव करते हुए कहा कि इन कानूनों से किसानों के लिए न केवल
नये अधिकार मिले और नयी संभावनाओं के द्वार खुले हैं, बल्कि बहुत कम समय में किसानों की
परेशानियां भी दूर होने लगी हैं।
श्री मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के 18वें ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि काफ़ी विचार
विमर्श के बाद संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरुप दिया। इन सुधारों से न सिर्फ
किसानों के अनेक बन्धन समाप्त हुये हैं , बल्कि
उन्हें नये अधिकार भी मिले हैं, नये
अवसर भी मिले हैं। इन अधिकारों ने बहुत ही कम समय में, किसानों की परेशानियों को कम करना शुरू
कर दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत में खेती और उससे जुड़ी चीजों के
साथ नये आयाम जुड़ रहे हैं। बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नयी
संभावनाओं के द्वार खोले हैं।” उन्होंने
कहा, “बरसों से किसानों की जो मांग थी, जिन मांगों को पूरा करने के लिए किसी न
किसी समय में हर राजनीतिक दल ने उनसे वायदा किया था, वे मांगें पूरी हुई हैं।”
उन्होंने इस संबंध में महाराष्ट्र के धुले जिले
के किसान जितेन्द्र भोइजी को मिले लाभ का जिक्र करते हुए कहा कि इन अधिकारों ने
बहुत ही कम समय में किसानों की परेशानियों को कम करना शुरू कर दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कानून में एक और बहुत बड़ी बात है कि इन कानूनों में ये
प्रावधान किये गये हैं कि क्षेत्र के एसडीएम को एक महीने के भीतर किसानों की
शिकायतों का निपटारा