योगीराज में अब शादी समारोह के लिए नहीं लेनी होगी पुलिस की अनुमती.
- COVID-19 की गाइड लाइन का करना होगा पालन.
- मेरिज हॉल एक समय में अधिकतम 100 लोग हो सकेंगे शामिल
- ओपन लॉन में क्षमता से 40% लोग हो सकेंगे शामिल
शादी समारोहों के लिए अब पुलिस या प्रशासनिक अनुमति की जरूरत नहीं होगी। इसके निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित अधिकारियों को दिए हैं। कहीं से भी पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार की खबर आई तो संबंधित पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
मेरठ में विवाह मंडपों में पुलिस द्वारा की गई उत्पीड़न की घटनाओं से नाराज मुख्यमंत्री योगी ने यह फैसला किया है। मंगलवार और बुधवार को मेरठ पुलिस ने अभियान चलाकर शादी के मंडपों में पहुंचकर रंग में भंग किया था। दूल्हे समेत कई लोगों के खिलाफ मेरठ के लालकुर्ती थाने और सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज की थी। इसके अलावा पुलिस ने शादी के मंडपों में छापा मारकर कोरोना की गाइडलाइन का पालन न करने पर बराती और घराती समेत मंडप के मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी। इसे लेकर मेरठ ही नहीं, आसपास के जिलों में भी लोगों में काफी रोष था और इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की गई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि शादी समारोह केवल सूचना देकर और कोविड प्रोटोकॉल और गाइडलाइन के निर्देशों का पालन करते हुए किया जा सकता है। इसके लिए जो संख्या निर्धारित की गई है, उसमें बैंड-बाजा या अन्य कर्मचारी शामिल नहीं माने जाएंगे। शादियों में बैंड बजाने और डीजे बजाने से रोकने वाले पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं।
भ्रष्ट पुलिस ऑफिसर के लिए बन गया था वसूली का नया माध्यम
दरअसल कोविड की आड़ प्रशासनिक अनुमति के नाम पर भ्रष्ट पुलिस ऑफिसर ऑन द्वारा जमकर वसूली की जाती थी
मैरेज हॉल में एक समय में अधिकतम 100 मेहमान
शादी अगर मैरेज हॉल से की जा रही है तो वहां अधिकतम 100 मेहमानों के एक समय में रहने की अनुमति है। हॉल छोटा है तो उसकी क्षमता के पचास प्रतिशत ही मेहमान बुलाए जा सकते हैं।
खुले लॉन में क्षमता के चालीस प्रतिशत मेहमान
कार्यक्रम अगर खुले लॉन में है तो इसकी कुल क्षमता के 40 प्रतिशत लोग आ सकते हैं। मसलन किसी लॉन की क्षमता 1000 है तो वहां 400 लोग और लॉन की क्षमता 5000 है तो वहां 2000 लोग एक समय में आ सकते हैं।
इस्पेक्टर राज चलाने से बचें अफसर
उधर, मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि कोविड-19 को लेकर भारत सरकार के जो निर्देश हैं, उसी के आधार पर अनुमति दी जा रही है। लेकिन छोटी-छोटी बातों को लेकर, खुशी या गम के मौकों पर इंस्पेक्टर राज चलाने से बचने के निर्देश दिए गए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों को कहा गया है कि वे खुद इन चीजों को देखें और सुनिश्चित कराएं कि कोविड की गाइडलाइन के नाम पर लोगों का उत्पीड़न न हो।