खालिस्तानी संगठनों पर एक्शन का प्लान, विदेशी फंडिंग पर वार के लिए ED, NIA, CBI तैयार - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

Breaking

गुरुवार, 17 दिसंबर 2020

खालिस्तानी संगठनों पर एक्शन का प्लान, विदेशी फंडिंग पर वार के लिए ED, NIA, CBI तैयार

खालिस्तानी संगठनों पर एक्शन का प्लान, विदेशी फंडिंग पर वार के लिए ED, NIA, CBI तैयार 


केंद्रीय गृह मंत्रालय खालिस्तानी संगठनों और उनसे जुड़े एनजीओ पर बड़े एक्शन की तैयारी में है. मंत्रालय की ओर से एक टीम गठित की गई है, जो ऐसे संगठनों को मिलने वाली विदेशी फंडिंग, साथ ही आतंकी गतिविधि पर नज़र रखेगी. 



यूके, कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी से होने वाली विदेशी फंडिंग पर नजर 

ये टीम SFJ, बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान ज़िंदाबाद फोर्स, खालिस्तान टाइगर फोर्स पर शिकंजा कसने और विदेशी फंडिंग को खंगालने का काम करेगी. मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए यूके, कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी से होने वाली विदेशी फंडिंग पर मुख्य रूप से नज़र रहेगी. 


सूत्रों की मानें, तो हाल ही में गृह मंत्रालय में एजेंसियों की बड़ी बैठक हुई है, जिसमें ये फैसला लिया गया. इसमें NIA, ED, CBI, FIU और इनकम टैक्स को ऐसे खालिस्तानी संगठनों पर नज़र रखने को कहा गया है और एक्शन की तैयारी है 



आपको बता दें कि ये कार्रवाई जम्मू-कश्मीर में जिस तरह अलगाववादी संगठन, आतंकी संगठनों पर हुई है उसी तर्ज पर आगे बढ़ाई जाएगी. इसी मिशन के तहत NIA जल्द ही गुरपतवंत सिंह पुन्नम, परमजीत सिंह पम्मा, हरदीप सिंह निज़्ज़र जैसे खालिस्तानी आतंकियों की भारत में मौजूद प्रॉपर्टी जब्त करने की तैयारी में है, ताकि विदेशी फंडिंग पर नकेल कसी जाए.

UK, कनाडा और USA में खालिस्तान समर्थकों ने  अलग खालिस्तान की मांग के लिए आंदोलन किये

दरअसल, एजेंसियों की कोशिश है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के K-2 (खालिस्तान-कश्मीर) को फेल किया जाए. हाल ही में UK, कनाडा और USA में खालिस्तान समर्थकों ने भारत में चल रहे "किसान आंदोलन" को लेकर कई जगहों पर विदेशी दूतावास पर प्रोटेस्ट किया था,  वाशिंगटन में प्रदर्शन के दौरान गांधीजी की प्रतिमा के साथ  इन खालिस्तानी समर्थको ने छेड़छाड़ की थी


इस प्रोटेस्ट में SFJ (सिख फ़ॉर जस्टिस), खालिस्तान जिंदाबाद फ़ोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल और खालिस्तान टाइगर फोर्स जैसे संगठन शामिल थे.


गौरतलब है कि कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को लेकर कई बार ऐसे बयान दिए जा चुके हैं. केंद्रीय मंत्रियों और कई बीजेपी नेताओं ने इस आंदोलन को टुकड़े-टुकड़े गैंग द्वारा हाईजैक बताया गया, साथ ही इसमें खालिस्तानी समर्थकों का हाथ होने की बात कही. ऐसे बयानों पर आंदोलन कर रहे किसानों ने खासी नाराजगी व्यक्त की थी.