राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020: स्कूली शिक्षा के लिए कार्यान्वयन योजना - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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मंगलवार, 19 जनवरी 2021

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020: स्कूली शिक्षा के लिए कार्यान्वयन योजना

 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020: स्कूली शिक्षा के लिए कार्यान्वयन योजना



  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति, (एनईपी) 2020 भारत में राष्ट्रीय शिक्षा नीतियों (1968 और 1986 में संशोधितकी कड़ी में तीसरी और 21 वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है। एनईपी- 2020 की इस कार्ययोजना में प्री-प्राइमरी से लेकर उच्चतर माध्यमिक स्तर तक की स्कूली शिक्षा को शामिल किया गया है।
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020: स्कूली शिक्षा के लिए कार्यान्वयन योजना



  • इसमे दिए गए सुझावों को लागू करने के लिए अलग-अलग समय सीमाएं तय की गई है। क्योंकि यह नीति अगले 20 वर्षों के लिए बनाई गई है इसलिएएनईपी का कार्यान्वयन चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है।

  • एनईपी-2020 से संबंधित विभिन्न अनुशंसाओं और इसके कार्यान्वयन के लिए तय की गई रणनीतियों पर चर्चा के लिए 8 से 25 सितंबर 2020 तक शिक्षा पर्व का आयोजन किया गया था।

  •  इसमे हितधारकों से लगभग 15 लाख सुझाव प्राप्त हुएजिनका अध्ययन किया जा रहा है। .

  • एनईपी2020 के लक्ष्यों और उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिएस्कूली शिक्षा एंव साक्षरता विभाग (डीओएसईएलने कार्य सूचियों के साथ कार्यान्वयन योजना का एक मसौदा तैयार किया हैजिसमें प्रत्येक सुझावों के अनुसार किए जाने वाले कार्योंजिम्मेदार एजेंसियों द्वारा इनके निष्पादन , इन्हें लागू करने की समय सीमा और इनके अपेक्षित परिणामों को शामिल किया गया है।कार्य सूची के इस मसौदे को 10 सितंबर, 2020 को राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों / स्वायत्त निकायों के साथ साझा किया गया थाताकि 12 अक्टूबर 2020 तक वे इसपर अपनी प्रतिक्रिया दे सके।.इस विभाग के स्वायत्त निकायों और 31 राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों ने कार्य सूची पर 7177 सुझाव / प्रतिक्रिया दी। इनका विश्लेषण विशेषज्ञ समूहों द्वारा किया गया और कार्यान्वयन योजना के अंतिम संस्करण में महत्वपूर्ण सुझावों को शामिल किया गया। इसके अतिरिक्तएनईपी 2020 के कार्यान्वयन पर राष्ट्रीय कार्यशालाओं की एक श्रृंखला 10 नवंबर, 27 नवंबर और 2 दिसंबर, 2020 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सचिव (एसई एंड एलकी अध्यक्षता में आयोजित की गई। 


  • दस्तावेज़ को अंतिम रूप दिया जा रहा है और शीघ्र ही इसे जारी कर दिया जाएगा।
  • समाज के सभी वर्गों से सुझाव आमंत्रित करके इस कार्यान्वयन योजना को यथार्थवादीलचीला और समावेशी बनाने पर पूरा ध्यान दिया गया है।यह आशा की जाती है कि सभी संबंधित पक्षों के सहयोग और सुझाव से तैयार की गई यह कार्यान्वयन योजना नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों को पूरा करने में सक्षम होगी और संबंधित हितधारकों के बीच पर्याप्त जागरूकता और दक्षता लाकर जमीनी स्तर तक पहुंचेगीजिससे देश में स्कूली शिक्षा में बड़ा बदलाव आएगा।

  • एनईपी का बड़ा हिस्सा राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफऔर केंद्र प्रायोजित योजनाओं में शामिल किया जाएगा।एनसीएफ के लिए जमीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया गया है और इसके अगले शैक्षणिक सत्रयानी 2021-22 में पूरी तरह से तैयार हो जाने की संभावना है. 

  • विभाग ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में समाहित किए गए सुझावों के अनुरूप निम्नलिखित गतिविधियां शुरू करके इसका कार्यान्वयन शुरू कर दिया है:
  • शिक्षकों के लिए 50 घंटे के अनिवार्य व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिएप्रारंभिक शिक्षा के सभी पहलुओं को व्यापक रूप से शामिल करते हुए 4-5 घंटे के 18 मॉड्यूल को निशा के तहत सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण (सीपीडीकार्यक्रम के लिए ऑनलाइन मोड में दीक्षा मंच में 6 अक्टूबर 2020 से शुरू किया गया है। अब तक इसमें 3.4 करोड़ से अधिक पाठ्यक्रम वार पंजीकरण हो चुके हैं और 23 लाख से अधिक शिक्षकों ने 2.8 करोड़ ऐसे पाठ्यक्रमों के तहत प्रशिक्षण पूरा कर लिया है।

  • राष्ट्रीय साक्षरता मिशन फॉर फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरसी मिशन की स्थापना के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है। इसकी रूपरेखा तैयार करने तथा इसके तहत मिलने वाले प्रशिक्षण के नतीजों को कूटबद्ध करने के लिए एक समिति बनाई गई है।

  • दीक्षा के माध्यम से  लर्निंग का विस्तार किया गया है। दीक्षा क्यू आर कोड एनर्जाइज्ड टेक्स्ट बुक्स (ईटीबीजैसे सॉल्यूशन शिक्षकों के लिए पाठ्यक्रम और क्विज़ आदि के माध्यम से बड़ी संख्या में पाठ्यक्रम से जुड़े -कंटेंट तक पहुँच प्रदान करता है। मौजूदा समय दीक्षा के तहत 29 राज्यों से 1.44 लाख  सामग्री और 3600 से अधिक पाठ्यक्रम वाली 300से अधिक पुस्तकें उपलब्ध हैं।

  • विभाग ने मानसिक स्वास्थ्य के स्तर पर छात्रों की मदद के लिए मनोदर्पण ’नामक एक पहल शुरू की है। यह कठिन परिस्थितियों में छात्रों को भावनात्मक सहायता और परामर्श प्रदान करता है। समय-समय पर एडवाइजरी जारी करनावेब पेज और राष्ट्रीय टोल-फ्री नंबरइंटरेक्टिव ऑनलाइन चैट विकल्प और राष्ट्रीय-स्तर का डेटाबेस इस पहल का हिस्सा है।

  • स्कूली शिक्षा के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा के शब्दकोश को विकसित करने के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र (आई एसएलआर टीसीऔर एनसीईआरटी के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
  • केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में सुधार की पहल की गई है;केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 2021 से इंप्रूवमेंट परीक्षाएं शुरू करने जा रहा है इसके साथ ही 2021- 22 के सत्र से दो स्तरों पर अंग्रेजी और संस्कृत की पढ़ाई भी शुरू करने की योजना है। दसवीं और बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों के क्षमता आकलन वाले प्रश्न चरणबद्ध तरीके से शामिल किए जा रहे हैं। प्रतिवर्ष इनमें 10 फ़ीसदी की बढ़ोतरी की जा रही है।
  • माध्यमिक स्तर पर स्कूलों में बच्चों के सीखने के परिणामों पर सुझाव मंगाने के लिए इन्हें लिपिबद्ध किया गया है 

  •  साथ ही उच्चतर माध्यमिक स्तर के लिए सीखने के परिणामों का मसौदा जारी किया गया है।
  • विभाग अपनी मौजूदा योजनाओं जैसे कि समग्र शिक्षा मध्यान्ह भोजन योजना और पढ़ना लिखना अभी को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में दिए गए सुझावों के साथ जोड़ रहा है। विभाग ने एन  पी के 86 पैरा के प्रावधानों को समग्र शिक्षा अभियान के संशोधित रूप के साथ जोड़ने का प्रस्ताव किया है। समग्र शिक्षा अभियान के तहत बच्चों के लिए 1 वर्ष के अंदर चरणबद्ध तरीके से बाल वाटिका और टी एल एम शुरू करना , राष्ट्रीय साक्षरता मिशन फॉर फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरसी मिशन का शुभारंभ करनाकस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों उच्चतर माध्यमिक स्तर के सभी विद्यालयों जिनमें छात्रावास वाले विद्यालय भी शामिल है का उन्नयन , हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्डसीखने की प्रक्रियाओं की निगरानीबच्चों के एक स्कूल से दूसरे स्कूल जानेउर्दू और हिंदी भाषा के शिक्षकों की नियुक्तिशिक्षकों के क्षमता विकास के लिए 50 घंटे का अनिवार्य प्रशिक्षण, एक दिन बस्ते के स्कूल आने की छूट और इंटर्नशिप , स्कूलों में नहीं पढ़ने वाले बच्चों के लिए मददपरख से जुड़ी गतिविधियां , विशेष मदद की जरुरतों वाली बालिकाओं के लिए अलग से स्टाइपेंड की व्यवस्थाप्रखंड स्तर पर विशेष जरूरतों वाले बच्चों और उनके लिए बनाए गए केन्द्रों की पहचान की व्यवस्था। व्यावसायिक शिक्षा में हब और स्पोक मॉडल के लिए प्रावधानस्मार्ट कक्षा और दीक्षा का प्रावधान प्रावधानराज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् एससीईआरटी में आंकलन प्रकोष्ठों की व्यवस्था आदि।

  • राज्य और संघ शासित प्रदेश भी अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में एनईपी प्रावधानों को लागू करने के लिए अपना कार्यबल गठित कर रहे हैं।