केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति की 52वी बैठक आयोजित
प्रधानमंत्री आवास योजना
शहरी के तहत केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति की 52 वीं बैठक में 168,606 मकानों
के निर्माण को मंजूरी दी गई। इस बैठक में 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने
हिस्सा लिया। लाभार्थियों के लिए ये आवास किफायती दरों पर झुग्गी बस्ती यथा स्थान पुनर्विकास योजना के तहत साझीदारी से
बनाए जाएंगे। राज्यों ने पर्यावरण से जुड़े कारणों की वजह से भूमि के आकार में
होने वाले बदलाव , अंतर शहरी विस्थापन और अलग-अलग
तरह के लाभार्थियों के लिए तय की गई प्राथमिकताओं में परिवर्तन आदि कारणों से
प्रस्तावित योजना की पुनर्समीक्षा
करने का प्रस्ताव किया है। योजना के तहत 70 लाख से अधिक मकानों का निर्माण
विभिन्न चरणों में है और 41 लाख से अधिक मकान बनाए जा चुके हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी
आवास एवं शहरी मामलों के
मंत्रालय के सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्यों
और केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया कि वह प्रधानमंत्री आवास योजना को तेजी के साथ लागू करें। उन्होंने कहा“योजना
के तहत निर्माण कार्य स्थिर गति से चल रहे हैं। हमें भौतिक और सामाजिक अवसंरचनाओं के साथ इन मकानों
का निर्माण जल्दी करना है।” उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अपील की कि वे लाभार्थियों
को ऐसे मकान जल्दी उपलब्ध कराने का प्रयास करें। उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित
प्रदेशों से यह भी कहा कि वे सस्ती दरों पर किराए के मकान उपलब्ध कराने की योजना
(एआरएचसीएस)को लागू करने में भी तेजी लाएं।
सचिव ने कहा सभी राज्यों
और केंद्र शासित प्रदेशों को त्रिपुरा में अगरतला, झारखंड
में रांची, उत्तर प्रदेश में लखनऊ, मध्य
प्रदेश में इंदौर, गुजरात में राजकोट और तमिलनाडु में चेन्नई
जैसे शहरों में शुरू की गई लाइटहाउस परियोजना से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा देश
भर में बड़े पैमाने पर आवास बनाने के लिए
इस तकनीक का अनुसरण किया जाना चाहिए।
कोविड-19 महामारी के
दौरान केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति की यह दूसरी बैठक थी। आवास और शहरी विकास
मंत्रालय ने 2022 तक देश में सभी लाभार्थियों को पक्के मकान बनाकर देने का लक्ष्य
रखा है। देश 2022 में स्वाधीनता की 75वीं
वर्षगांठ मनाने वाला है। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत सभी के लिए घर की
परिकल्पना की गई है। इसके लिए निर्धारित समय के भीतर देशभर में किफायती दरों वाले
मकानों के निर्माण का काम तेजी से पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है।a