महापत्तन प्राधिकरण विधेयक 2020 को राज्यसभा की मंजूरी मिली - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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बुधवार, 10 फ़रवरी 2021

महापत्तन प्राधिकरण विधेयक 2020 को राज्यसभा की मंजूरी मिली

 महापत्तन प्राधिकरण विधेयक 2020  


देश के प्रमुख बंदरगाहों को निजी- सरकारी भागीदारी के साथ संचालित करने तथा उन्हें और अधिक स्वायत्तता देने से संबंधित महापत्तन प्राधिकरण विधेयक 2020 को बुधवार को राज्यसभा की मंजूरी मिल गयी जिसके साथ ही इस पर संसद की मुहर लग गयी।

लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है।

राज्यसभा ने आज इस विधेयक को मत विभाजन के दौरान 44 के मुकाबले 84 मतों से पारित कर दिया। लोकसभा ने इसे 23 सितंबर 2020 को पारित किया था। यह महापत्तन न्यास अधिनियम 1963 का स्थान लेगा।

महापत्तन प्राधिकरण विधेयक 2020  को राज्यसभा की मंजूरी मिली


इससे पूर्व जहाजरानी मंत्री मनसुख मांडविया ने सदन में लगभग दो घंटे तक चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इससे बंदरगाहों के संचालन में विशेषज्ञता आएगी तथा बंदरगाह शहर और समृद्ध होंगे। उन्होने बंदरगाहों के निजीकरण की आशंका को खारिज करते हुए कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य सरकार के नियंत्रण में चल रहे बंदरगाहों की कार्यप्रणाली में सुधार करना है। इससे ये बंदरगाह, निजी बंदरगाहों के समकक्ष हो जाएंगे और उनके साथ प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे। इस कानून के बाद सरकारी बंदरगाह भी अधिक कार्यकारी निर्णय ले सकेंगे।

श्री मांडविया ने कहा कि निजी- सरकारी भागीदारी के बेहतर परिणाम सामने आये हैं और कई बंद होते बंदरगाहों को फिर से मुनाफे में लाया गया है।

चर्चा में कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल, भारतीय जनता पार्टी के सुरेश प्रभु , तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय , बीजू जनता दल के सुभाष चंद्र सिंह , द्रमुक के पी. विल्सन , तेलंगाना राष्ट्र समिति के बांदा प्रकाश, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अयोध्या रामी रेड्डी, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, जनता दल यूनाइटेड के रामचंद्र प्रसाद सिंह , मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के इला मारम करीम , राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की फोजिया खान , तेलुगू देशम पार्टी के कनक मेदला रवींद्र कुमार , शिवसेना के अनिल देसाई , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम , आम आदमी पार्टी के नारायण दत्त गुप्ता , बहुजन समाज पार्टी के रामजी , पीएमसी - एम के जीके वासन तथा अन्नाद्रमुक के एम. थंबीदुरई ने हिस्सा लिया।