आजादी के अमृत महोत्सव : :पंडित नेहरू, बाबा साहेब अंबेडकर, मौलाना आजाद, सरदार पटेल के सपनों के भारत को बनाने के लिए हम आगे बढ़ रहे हैं: पीएम मोदी - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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शुक्रवार, 12 मार्च 2021

आजादी के अमृत महोत्सव : :पंडित नेहरू, बाबा साहेब अंबेडकर, मौलाना आजाद, सरदार पटेल के सपनों के भारत को बनाने के लिए हम आगे बढ़ रहे हैं: पीएम मोदी

 आजादी के अमृत महोत्सव : नरेंद्र मोदी 

आजादी के अमृत महोत्सव : नरेंद्र मोदी


देश को आजादी मिले 75 वर्ष पूरे होने वाले हैं और इसी मौके पर आजादी के अमृत महोत्सवका आगाज हो गया है। आज से लगातार 75 हफ्ते तक देशभर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है। इस दौरान अहमदाबाद में कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पंडित नेहरू, बाबा साहेब अंबेडकर, मौलाना आजाद, सरदार पटेल के सपनों के भारत को बनाने के लिए हम आगे बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि देश के इतिहास में ऐसे कई संघर्ष हैं, जिनका नाम आज नहीं लिया जाता है लेकिन हर किसी का अपना एक महत्व रहा है।

 

उन्होंने कहा देश लोकमान्य तिलक के 'पूर्ण स्वराज', 'आज़ाद हिंद फ़ौज के आह्वान' दिल्ली चलो ', भारत छोड़ो आंदोलन को नहीं भूल सकता ... हम मंगल पांडे, तात्या टोपे, रानी लक्ष्मी बाई, चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह, पं नेहरू, सरदार पटेल, अंबेडकर से प्रेरणा लेते हैं।

 

पीएम ने कहा कि आजादी के आंदोलन की इस ज्योति को निरंतर जागृत करने का काम, पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, हर दिशा में, हर क्षेत्र में, हमारे संतो-महंतों, आचार्यों ने किया था।

एक प्रकार से भक्ति आंदोलन ने राष्ट्रव्यापी स्वाधीनता आंदोलन की पीठिका तैयार की थी।

 

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ से सम्बंधित आजादी का अमृत महोत्सवकार्यक्रम के राष्ट्रव्यापी आयोजन की आज यहां शुरुआत की और ऐतिहासिक दांडी मार्च की स्मृति में अहमदाबाद से नवसारी के दांडी तक 386 किलोमीटर की पदयात्रा को रवाना किया। 

श्री मोदी ने इससे पहले कार्यक्रम स्थल के निकट स्थित साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी की प्रतिमा और इसके परिसर में उनके तत्कालीन आवास हृदय कुंज में उनके तैलचित्र पर पारम्परिक रूप से सूत की माला से माल्यार्पण किया। उन्होंने आश्रम की आगंतुक पुस्तिका में लिखा कि आश्रम आकर वह धन्यता का अनुभव करते हैं, त्याग तपस्या की भावना जागती है और राष्ट्र निर्माण का संकल्प मज़बूत होता है।

 

महोत्सव के दौरान यहां मुख्य कार्यक्रम में कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया जिसमें देश भर के कलाकारों ने अलग अलग भाषाओं में मनमोहक प्रस्तुतियां भी दी।

 

आज़ादी के आंदोलन के दौरान इसका एक प्रमुख केंद्र रहे अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से ही गांधी जी ने 12 मार्च 1930 को ब्रिटिश हूकूमत के नमक क़ानून को तोड़ने ले लिए दक्षिण गुजरात के दांडी तक की यात्रा की थी जो उसी साल छह अप्रैल को पूरी हुई थी।

 

आश्रम में आयोजित मुख्य कार्यक्रम के साथ ही स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े राज्य के 6 जिलों में विभिन्न 75 स्थलों पर भी कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

गुजरात में महात्मा गांधी जी की कर्मभूमि और स्वतंत्रता संग्राम का केंद्र रहे अहमदाबाद से प्रधानमंत्री ने अमृत महोत्सव की औपचारिक शुरुआत करायी।

इस अवसर राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, केंद्रीय पर्यटन एवं सांस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल, सांसद और गुजरात भाजपा अध्यक्ष सी.आर. पाटिल, आश्रम के न्यासी कार्तिकेय साराभाई, अमृत मोदी और डॉ. सुदर्शन आयंगर उपस्थित थे।

 

राजकोट, मांडवी (कच्छ), पोरबंदर, वडोदरा, बारडोली (सूरत) और दांडी (नवसारी) जैसे स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े चिरस्मरणीय स्थलों पर देशभक्ति के कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसके अलावा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, साइकिल-बाइक रैली, पदयात्रा, वृक्षारोपण और क्राफ्ट बाजार जैसे रचनात्मक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।

 

राजकोट में उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल अमृत महोत्सव में उपस्थित रहे। राजकोट में गांधी जी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा ली थी। जूनागढ़ को नवाबी शासन से आजाद कराने के लिए बनाए गए आरजी हुकूमत ने राजकोट से ही आजाद जूनागढ़ फौज की भर्ती शुरू की थी। राजकोट का मौजूदा सर्किट हाउस तत्कालीन आरजी हुकूमत का मुख्यालय बना था। राजकोट वहां की राष्ट्रीय शाला में गांधी जी का ठहराव तथा ढेबरभाई, रसिकभाई परीख और मनुभाई पंचोली जैसे सेनानियों के संघर्ष और कस्तुरबा गांधी की जीवन स्मृतियों से भी जुड़ा है।

 

वडोदरा राष्ट्रीय चेतना के प्रेरक और तत्व चिंतक महर्षि अरविंद घोष की कर्मभूमि रही है। उन्होंने गुप्त रूप से क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरणा दी थी, जिसके परिणामस्वरूप तत्कालीन वडोदरा राज में स्वतंत्रता आंदोलन की गतिविधियों को विस्तार मिला। वडोदरा के नवलखी मैदान में गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिवेदी की अध्यक्षता में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया।