राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जबलपुर : देश की सभी उच्च न्यायालयों को फैसलों की प्रति स्थानीय भाषा में उपलब्ध कराना चाहिए: कोविंद | President Ramnath Kovid Jabalpur News - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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शनिवार, 6 मार्च 2021

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जबलपुर : देश की सभी उच्च न्यायालयों को फैसलों की प्रति स्थानीय भाषा में उपलब्ध कराना चाहिए: कोविंद | President Ramnath Kovid Jabalpur News

 ऑल इंडिया स्टेट ज्यूडिशियल एकेडमीज डायरेक्टर्स रिट्रीट कार्यक्रम 

मध्यप्रदेश का न्यायिक इतिहास और न्यायालय 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि वह चाहते हैं कि देश की सभी उच्च न्यायालय, अपने अपने प्रदेश की अधिकृत भाषा में जनजीवन के महत्वपूर्ण पक्षों से जुड़े निर्णयों का प्रमाणित अनुवाद करें और उच्चतम न्यायालय की भांति एक साथ उपलब्ध और प्रकाशित कराएं।

श्री कोविंद ने यहां मानस भवन में ऑल इंडिया स्टेट ज्यूडिशियल एकेडमीज डायरेक्टर्स रिट्रीट कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस शरद अरविंद बोबडे, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत प्रसन्नता हुई, जब उनके विनम्र सुझाव पर उच्चतम न्यायालय ने इस दिशा में कार्य करते हुए अपने निर्णयों का अनुवाद, नौ भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया। वे इस प्रयास से जुड़े सभी लोगों को बधाई देते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि स्वाधीनता के बाद बनाए गए भारत के संविधान की उद्देशिका को हमारे संविधान की आत्‍मा समझा जाता है। इसमें चार आदर्शों-न्‍याय, स्‍वतंत्रता, अवसर की समानता और बंधुता-की प्राप्ति कराने का संकल्‍प व्‍यक्‍त किया गया है। इनमें भी न्‍यायका उल्‍लेख सबसे पहले है।

सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने कहा कि आज का कार्यक्रम एक नई प्रक्रिया का आरंभ है। संवाद, नए आयाम स्थापित करता है एवं आज हम इसी प्रकार के संवाद का प्रारंभ कर रहे है। न्याय एक अनोखी प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि न्यायदान के लिए मानव स्वभाव, सामाजिक परिवेश, राजनीतिक व्यवस्था को समझना जरूरी है।

ऑल इंडिया स्टेट ज्यूडिशियल एकेडमीज डायरेक्टर्स रिट्रीट कार्यक्रम  मध्यप्रदेश का न्यायिक इतिहास और न्यायालय


सीजेआई श्री बोबडे ने कहा कि समय के साथ विकसित होते कानून को समझना जरूरी है। ऐसे में किसी भी न्यायाधीश को न्याय व्यवस्था को तैयार करने की प्रक्रिया को समझना एक रोचक विषय है। इस विषय पर काफी शोध हुआ है। उन्होंने कहा कि कालांतर में न्यायिक अकादमी स्थापित हुई जो उत्तम कार्य कर रही है पर न्यायिक प्रशिक्षण के तौर तरीकों को बदलना होगा। मेरे विचार में ऑल इंडिया ज्यूडियशयल एकेडमी डायरेक्टर रिट्रीट एक संवाद स्थापित करेगी ताकि अनुभव के आदान प्रदान से हम उत्कृष्टता पा सकें।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जबलपुर President Ramnath Kovind Jabalpur


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विगत लगभग एक वर्ष से संपूर्ण विश्व सहित भारत कोविड 19 की महामारी से जूझता रहा। संकट की इस घड़ी में भी न्यायपालिका ने कार्य को बाधित नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि हमारी न्यायपालिका ने जो महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है उसकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार जो निष्कर्ष निकलेंगे, उन्हें उच्च न्यायालय के साथ मिलकर जमीन पर उतारने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि त्वरित न्याय कैसे मिले, सस्ता न्याय और सुलभ न्याय कैसे मिले। इस दिशा में बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए दक्ष मानव संसाधन की जरूरत है। मुझे विश्वास है कि हम जो चिंतन करेंगे उसमें से निश्चित तौर पर बेहतर निष्कर्ष निकलेंगे।

श्री चौहान ने कहा कि जितनी भी व्यवस्थाएं मानव सभ्यता के उदय के बाद बनीं हैं, अंतत: उनका एक ही लक्ष्य है, एक ही केंद्र है आम आदमी को कैसे सुखी कर पाएं। उन्होंने कहा कि रोटी, कपड़ा, मकान आदि भौतिक आवश्यकताएं यदि पूरी हो जाएं तो मनुष्य सुखी हो जाएगा।

मध्यप्रदेश का न्यायिक इतिहास और न्यायालय 

कार्यक्रम में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमना ने पुस्तक मध्यप्रदेश का न्यायिक इतिहास और न्यायालय का विमोचन किया एवं इसकी प्रथम प्रति राष्ट्रपति श्री कोविंद को भेंट की गयी।