देश में लगातार कोरोना के मामलों में बेतहाशा
इजाफा हो रहा है। आलम ये हो चला है कि कई राज्यों की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई
है। अस्पतालों में बदइंतजामी के हालात दिख रहे हैं। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के
अस्पतालों में मरीजों के लिए ना तो बेड है और ना ही मृत शरीर को उठाने वाला कोई।
छत्तीसगढ़ के रायपुर, दुर्ग समेत कई जिलों के अस्पतालों से दिल दहलाने वाली तस्वीरें सामने
आ रही है।
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर को शेयर किया जा रहा
है। इसके मुताबिक 11 अप्रैल को दुर्ग जिले में जिन 26 लोगों की कोविड-19 के
संक्रमण से मौत हुई, उनमें वीडियो जर्नलिस्ट जितेन्द्र साहू का नाम भी शामिल है।
जितेन्द्र की उम्र बमुश्किल 35 साल रही होगी। एक तस्वीर में ऑक्सीजन बैग को हाथ
में लिए वो पकड़े शासकीय जिला अस्पताल के कोविड वार्ड में एक बेड पर बैठे हैं।
जितेन्द्र की एकदम बगल की बेड पर एक मुर्दा रखा दिख रहा है। स्थानीय पत्रकार और
जितेन्द्र से जुड़े लोगों के मुताबिक 10 घंटे से ज्यादा समय तक उनके बगल के बेड पर
मुर्दा पड़ा रहा। लेकिन, किसी ने नहीं उठाया। अंत में वीडियो जर्नलिस्ट जितेंद्र साहू की भी
मौत हो गई।
इसे लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने केंद्र और
राज्य के खिलाफ गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए सवाल उठाए हैं। एक सोशल मीडिया यूजर
ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, "छत्तीसगढ़: दुर्ग जिले के सरकारी
अस्पताल में वीडियो जर्नलिस्ट कोरोना पीड़ित जितेन्द्र साहू के बेड के बगल में
घंटों तक मुर्दा रखा रहा. बताया जा रहा है कि उसकी बदबू और दहशत के बीच 24 घंटे के
भीतर जितेन्द्र ने भी दम तोड़ दिया।"