राष्ट्र प्रथम, देशहित से समझौता नहीं, देश की सुरक्षा सर्वोपरि :प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी |BJP's 41st Foundation Day - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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मंगलवार, 6 अप्रैल 2021

राष्ट्र प्रथम, देशहित से समझौता नहीं, देश की सुरक्षा सर्वोपरि :प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी |BJP's 41st Foundation Day

 

भाजपा के 41वें स्थापना दिवस

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने देश में चुनाव नहीं बल्कि महात्मा गांधी के सेवा के मंत्र के आधार पर देशवासियों का दिल जीता है और पार्टी के विस्तार से डरे हुए राजनीतिक विरोधी झूठ और अफवाहें फैला कर देश में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

राष्ट्र प्रथम, देशहित से समझौता नहीं, देश की सुरक्षा सर्वोपरि :प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी |BJP's 41st Foundation Day


श्री मोदी ने यहां भाजपा के 41वें स्थापना दिवस के मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही। पार्टी के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित केन्द्रीय कार्यालय में भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने पार्टी के ध्वजारोहण और पंडित दीनदयाल उपाध्याय और डाॅ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की प्रतिमाओं पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद पार्टी के अन्य प्रमुख नेताओं के साथ प्रधानमंत्री का संदेश सुना।


प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा की गौरवशाली यात्रा के आज 41 वर्ष पूरे हो रहे हैं। ये 41 वर्ष इस बात के साक्षी हैं कि सेवा और समर्पण के साथ कोई पार्टी कैसे काम करती है। उन्होंने कहा, “डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी, अटल बिहारी वाजपेयी जी, कुशाभाऊ ठाकरे जी, राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी, ऐसे अनगिनत महान व्यक्तित्वों को बीजेपी के प्रत्येक कार्यकर्ता की तरफ से मैं श्रद्धांजलि देता हूँ, श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ।उन्होंने पार्टी को आकार एवं विस्तार देने एवं पार्टी को अपना जीवन समर्पित करने वाले श्री लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी सहित सभी वरिष्ठ नेताओं काे नमन किया।


उन्होंने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान की शक्ति है कि हम संविधान का अनुच्छेद 370 हटाकर कश्मीर को संवैधानिक अधिकार दे पाये। उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए हमेशा ये मंत्र रहा है कि-व्यक्ति से बड़ा दल, दल से बड़ा देशये परंपरा डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी से लेकर आज तक अनवरत चली आ रही है। हम सभी ने देखा है कि कैसे श्री वाजपेयी ने एक वोट से सरकार गिरना स्वीकार कर लिया था, लेकिन पार्टी के आदर्शों से समझौता नहीं किया था।

उन्होंने कहा कि पिछले साल कोरोना ने पूरे देश के सामने एक अभूतपूर्व संकट खड़ा कर दिया था। तब सब कार्यकर्ता अपना सुख-दुःख भूलकर देशवासियों की सेवा में लगे रहे। कार्यकर्ताओं ने सेवा ही संगठनका संकल्प लिया, उसके लिए काम किया। उन्होंने कहा कि आज भाजपा से गाँव-गरीब का जुड़ाव इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि आज वो पहली बार अंत्योदय को साकार होते देख रहा है। आज 21वीं सदी में जन्म देने वाला युवा, भाजपा और उसकी नीतियों एवं प्रयासों के साथ है।


उन्होंने कहा, “गांधी जी कहते थे कि निर्णय और योजनाएं वो हों जो समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचाए। गांधी जी की उस मूल भावना को चरितार्थ करने के लिए हमने अथक प्रयास किया है। हमारी कार्यशैली है- हम किसी ने कुछ भी न छीनते नहीं हैं। हम हर व्यक्ति तक पहुंचते हैं, उसकी आवश्यकता पर पूरी संवेदनशीलता से काम करते हैं।उन्होंने कहा कि पहले जो सरकारें रहीं, उनकी प्राथमिकताओं में ये छोटे किसान, इन छोटे किसानों की जरूरतें, कभी नहीं रहीं। लेकिन बीते वर्षों में हमारी सरकार की कृषि से जुड़ी हर योजना के केंद्र में ये छोटे किसान रहे।


श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार का मूल्यांकन उसके डिलिवरी सिस्टम से हो रहा है। ये देश में सरकारों के कामकाज का नया मूलमंत्र बन रहा है। लेकिन इसके बावजूद यह दुर्भाग्य ये है कि भाजपा अगर चुनाव जीते तो उसे चुनाव जीतने की मशीन कहा जाता है।

उन्होंने कहा, “जो लोग कहते हैं कि भाजपा चुनाव जीतने की मशीन है, वो एक प्रकार से भारत के लोकतंत्र की परिपक्वता को समझ नहीं पाते। वो भारत के नागरिकों की सूझबूझ और उनकी आशाओं-अपेक्षाओं और सपनों को नहीं समझ पाते। जबकि सच्चाई ये है कि भाजपा चुनाव जीतने की मशीन नहीं, देश और देशवासियों का दिल जीतने वाला एक अनवरत-अविरल अभियान है। हम कभी गर्व नहीं करते कि हमारा दल जीता। हम हमेशा इस बात का गर्व करते हैं कि देश के लोगों ने हमें जिताया।


प्रधानमंत्री ने कहा कि आज आम जनमानस ये महसूस करता है भाजपा सरकार का मतलब है कि राष्ट्रनिर्माण के लिए सही नीति, साफ नीयत और सटीक निर्णय। भाजपा आने का मतलब है कि राष्ट्र प्रथम, देशहित से समझौता नहीं, देश की सुरक्षा सर्वोपरि।भाजपा आने का मतलब है- वंशवाद, परिवारवाद की राजनीति से मुक्ति, भाजपा आने का मतलब है योग्यता को अवसर, पारदर्शिता, सुशासन और सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास

उन्होंने कहा, “हमारे जो संस्कार हैं, हम राजनीतिक छुआछूत में विश्वास नहीं करते। इसलिए हम सरदार पटेल को समर्पित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाकर गर्व करते हैं। इसलिए हम बाबा साहेब के लिए पंचतीर्थ का निर्माण कर गर्व करते हैं। हम खुले दिल से, भाजपा के घोर विरोधी रहे व्यक्तित्वों का भी सम्मान करते हैं, उन्हें सम्मान देते हैं। भारत रत्न से लेकर पद्म पुरस्कार, इसका उदाहरण हैं।

उन्होंने कहा कि केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में हमारे कार्यकर्ताओं को धमकियाँ दी जाती हैं, उन पर हमले होते हैं, उनके परिवार पर हमले होते हैं। लेकिन अपनी विचारधारा के लिए वो अडिग रहते हैं, डटे रहते हैं। वहीं वंशवाद और परिवारवाद का हश्र भी 21वीं सदी का भारत देख रहा है। उन्होंने कहा कि स्थानीय आकांक्षाओं के सहारे जो स्थानीय पार्टियां खड़ी हुईं, बाद में वो भी एक परिवार की, एक दो लोगों की पार्टियां बनकर रह गईं। नतीजा आज सामने है। ऐसी पार्टियों ने जो नकली सेकुलरिज़्म का नकाब पहन रखा था, वो भी उतरना शुरू हो गया है।

श्री मोदी ने कहा, “सैकुलरिज़्म का हमारे यहां मतलब बना दिया गया है- कुछ ही लोगों के लिए योजनाएं, कुछ ही लोगों का पक्षपात, वोट बैंक के हिसाब से नीतियाँ! जो सबके लिए योजनाएं बनाता हो, सबके अधिकार की बात करता हो, सबके लिए काम करता हो, उसे ये लोग कम्यूनल कहते हैं।

उन्होंने कहा, “आज गलत नरैटिव बनाए जाते हैं- कभी सीएए को लेकर, कभी कृषि कानूनों को लेकर, कभी लेबर लॉ को लेकर, भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता को समझना होगा कि इसके पीछे सोची-समझी राजनीति है, ये एक बहुत बड़ा षड़यंत्र है। इसका मकसद है देश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करना।उन्होंने कहा कि इसलिए देश में तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जाती हैं, भ्रम फैलाया जाता है। कभी कहा जाता है संविधान बदल दिया जाएगा। कभी कहा जाता है आरक्षण समाप्त कर दिया जाएगा। कभी कहा जाता है नागरिकता छीन ली जाएगी। ये सब कोरे झूठ होते हैं लेकिन कुछ लोगों और संगठनों द्वारा इन्हें तेजी से फैलाया जाता है।

श्री मोदी ने भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर मनाये जा रहे अमृत महोत्सवको भी देश के प्रत्येक नागरिक तक लेकर जाने का आह्वान करते हुए कहा कि आज़ादी का अमृत महोत्सव अगले 25 वर्षों के लिए देश के लक्ष्य तय करने का अवसर भी है। देश के इन लक्ष्यों को पूरा करने में बहुत बड़ी भूमिका भाजपा और उसके कार्यकर्ताओं को भी निभानी है।