बाबा रामदेव-IMA विवाद में कूदी आयुर्वेदिक डॉक्टरों की संस्था NIMA, आयुर्वेद को स्यूडोसाइंस कहने वालों पर कार्रवाही की मांग.
बाबा रामदेव और IMA से शुरू हुआ आयुर्वेद और एलोपैथी का विवाद अब बना इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) Vs नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (NIMA).
योग गुरु बाबा रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के बीच चल रहे विवाद में अब आयुर्वेदिक डॉक्टरों की संस्था नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (NIMA) भी कूद गई है.
NIMA के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. बी तेम्मूरनीकर, महासचिव डा. यूएस पांडे और कोषाध्यक्ष डा. आशुतोष कुलकर्णी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद की उपेक्षा पर गहरी चिंता और नाराजगी जाहिर करते हुए पूछा है कि, 'देश में कोरोना संक्रमण से जो रिकवरी रेट ज्यादा है और मौत की दर कम है उसमें क्या सिर्फ एलोपैथिक डॉक्टरों की ही मेहनत है, आयुर्वेदिक डॉक्टरों का कोई योगदान नहीं है?'
आयुर्वेदिक डॉक्टरों की संस्था NIMA ने IMA पर भी निशाना साधा
NIMA की ओर से लिखे पत्र में संस्था ने IMA को भारतीय एलोपैथिक संघ करार देते हुए NIMA ने लिखा कि IMA के जो पदाधिकारी आज बाबा रामदेव को अनपढ़ कहकर उन पर निशाना साध रहे हैं, वो खुद निजी स्वार्थों के चलते आए दिन कोरोना काल में भी हड़ताल पर जाने की धमकी देते रहते हैं.
आयुर्वेद को स्यूडोसाइंस कहना देश के साथ साथ मानव जाति अपमान है
स्वास्थ्य मंत्री को लिखे अपने पत्र में NIMA ने कहां कि स्वास्थ्य्य मंत्री ने स्वामी रामदेव को लिखे अपने पत्र में लिखा कि देश को कोरोना संक्रमण की मार से बचने में सिर्फ एलोपैथिक चिकित्सकों का ही योगदान है उनके इस कथन से देश के 7 लाख से ज्यादा आयुर्वेदिक डॉक्टरों की अंतरात्मा को ठेस पहुंची है, इसके अतिरिक्त NIMA ने स्वास्थ्य मंत्री से आयुर्वेद को स्यूडोसाइंस कह कर अपमानित करने वालों पर कार्रवाही करने की मांग की है. NIMA ने अपने पत्र में कहा कि आयुर्वेद को स्यूडोसाइंस कहने वाले ना सिर्फ देश का बल्कि पूरी मानव जाति का अपमान कर रहे.
भारतीयता का अपमान करने वालों पर हो सख्त कार्रवाई
ऐसे में स्वास्थ्य मंत्री इन पर कार्यवाही कब करेंगे जो भारतीयता का लगातार अपमान कर रहे हैं. पत्र में NIMA का कहना है जिस तरह से इस समय देश मे आयुर्वेद बनाम एलोपैथी की लड़ाई छिड़ी हुई है वह देश और देशवासियों के लिए घातक है. ऐसे में स्वास्थ्य मंत्री से अपील है कि वो किसी दबाव में आने के बजाय उन तत्वों को ढूंढे जो राष्ट्रविरोधी लॉबी के इशारे पर देश की गरिमा को धूमिल करने का प्रयास कर रहें हैं.