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गुरुवार, 27 मई 2021

IT नियमों के खिलाफ कोर्ट पहुंची व्हाट्सएप को सरकार की दो टूक IT नियमों का करना होगा पालन

IT नियमों के खिलाफ कोर्ट पहुंची व्हाट्सएप को सरकार की दो टूक IT नियमों का करना होगा पालन







सरकार ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से नए डिजिटल नियमों के पालन की स्थिति की तुरंत रिपोर्ट देने को कहा। एक नोट जारी कर IT मंत्रालय ने कहा कि बड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़े नए नियम बुधवार से लागू हो गए हैं।







सरकार और सोशल मीडिया प्लेटफार्म के बीच चल रहा विवाद अब कोर्ट पहुँच गया व्हाट्सएप आज नए IT नियमों को निजता मे दखल बताते हुए दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गया, वहीं सरकार ने स्पष्ट किया कि वह निजता के अधिकार का सम्मान करती है और नए IT नियमों के अंतर्गत चिन्हित संदेशों के मूल स्रोत की जानकारी देने को कहना निजता का उल्लंघन नहीं है. सरकार ने स्पष्ट कहा  कि देश की संप्रभुता या सार्वजनिक व्यवस्था से जुड़े बेहद गंभीर अपराध वाले संदेशों को रोकने या उसकी जांच के लिए ही उनके मूल स्रोत की जानकारी मांगी जायेगी।


सरकार द्वारा  सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नए IT नियमों का पालन करने हेतु 3 महीने का समय दिया गया था लेकिन समय समाप्ति के अंतिम समय पर व्हॉट्सएप द्वारा सरकार के दिशानिर्देशों को चुनौती देना नियमों को प्रभाव में जाने से रोकने का दुर्भाग्यपूर्ण प्रयास है।

 






आधिकारिक बयान में सरकार द्वारा कहा गया कि ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा में सोशल मीडिया कंपनियों को उनमें कानूनी तौर पर हस्तक्षेप की अनुमति देनी होती है। "भारत जो माग रहा है वह कुछ अन्य देशों में की जा रही माग की तुलना में उल्लेखनीय रूप से कम है।"

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा है कि सरकार अपने सभी नागरिकों के निजता के अधिकार को सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है। लेकिन इसके साथ ही सरकार का यह भी दायित्व है कि वह कानून व्यवस्था बनाये रखे और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करे।

 नए नियमों के पालन की यथास्थिति स्पष्ट करने हेतु सरकार द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म को लिखा गया पत्र



प्रसाद ने कहा कि भारत ने जिन भी उपायों का प्रस्ताव किया है उससे व्हॉट्सएप का सामान्य कामकाज प्रभावित नहीं होगा। साथ ही इससे आम प्रयोगकर्ता पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। बयान में कहा गया है कि सरकार निजता के अधिकार का सम्मान करती है और जब व्हॉट्सएप को किसी संदेश के मूल स्रोत का खुलासा करने को कहा जाता है, तो इसका मतलब निजता के उल्लंघन से नहीं है।


बयान में किया गया है कि इस तरह की जरूरत सिर्फ देश की संप्रभुता से जुड़े गंभीर अपराधी की रोकथाम, जांच या सजा में होगी। इसके अलावा सुरक्षा, दूसरे देशों से दोस्ताना संबंधी और सार्वजनिक आदेश या यौन उत्पीड़न, बच्चों के यौन उत्पीड़न से संबंधित सामग्री के मामले में इसकी जरूरत होगी।




क्या है सोशल मीडिया के लिए सरकार की गाइडलाइन 


(1) सभी सोशल मीडिया भारत में अपने 3 अधिकारियों, चीफ कॉम्प्लियांस अफसर, नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन और रेसिडेंट ग्रेवांस अफसर नियुक्त करें,  ये भारत में ही रहते हों,  इनके कॉन्टैक्ट नंबर ऐप और वेबसाइट पर पब्लिश किए जाएं।


(2)  सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यह भी बताएं कि  यदि किसी को शिकायत दर्ज कराना हो तो शिकायत दर्ज करवाने की व्यवस्था क्या है, शिकायत पर 24 घंटे  के अंदर ध्यान दिया जाए और 15 दिन के अंदर शिकायत करने वाले को बताया जाए कि शिकायत पर क्या कार्रवाही की गई और यदि शिकायत पर कार्रवाही नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई.


 


(3) सोशल मीडिया प्लेटफार्म ऑटोमेटेड टूल्स और तकनीक  की मदद से ऐसा सिस्टम बनाएं, जिसके माध्यम से रेप, बाल यौन शोषण के कंटेंट की पहचान की जा सके।



(4) सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक मंथली रिपोर्ट पब्लिश करें, जिसमे यह जानकारी हो कि महीने में उनके पास कितनी शिकायतें आई और उन शिकायतों पर की गई कार्रवाई की जानकारी हो इसके साथ साथ जो लिंक और कंटेंट हटाया गया हो, उसकी जानकारी दी गई हो।


(5) अगर प्लेटफॉर्म किसी आपत्तिजनक जानकारी को हटाता है तो उसे पहले इस कंटेंट को बनाने वाले, अपलोड करने वाले या शेयर करने वाले को इसकी जानकारी देनी होगी  तथा उन्हें कारण भी बताना होगा कि जो उनका कंटेंट  हटाया जा रहा है,  साथ ही साथ सोशल मीडिया यूज़र को  यह अधिकार दिया जाए कि वह प्लेटफार्म द्वारा  लीगल एक्शन के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सके, इन विवादों को निपटाने के मैकेनिज्म पर ग्रेवांस अफसर लगातार नजर रखें।