मराठा समुदाय आरक्षण : सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को किया रद्द |Reservation for Maratha community - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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बुधवार, 5 मई 2021

मराठा समुदाय आरक्षण : सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को किया रद्द |Reservation for Maratha community

 मराठा समुदाय आरक्षण : सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को किया रद्द

 संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन 

नयी दिल्ली 05 मई 

उच्चतम न्यायालय ने सरकारी नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों में मराठा समुदाय को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराने वाले सामाजिक एवं शैक्षिणक पिछड़ा वर्ग आरक्षण अधिनियम-2018 को बुधवार को यह कहते हुए असंवैधानिक करार दिया कि यह पूर्व में लागू 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक है।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण , न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव , न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर , न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट की पांच सदस्यीय पीठ ने संबधित मामले की सुनवाई के बाद अपने फैसले में कहा कि 2018 अधिनियम के संशोधन अधिनियम-2019 के तहत मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की सीमा बढ़ाने के लिए कोई असाधारण स्थिति नहीं है और यह अधिनियम 50 प्रतिशत की सीमा सीमा से अधिक है जो संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन है।

न्यायालय ने कहा, “ राज्यों के पास संसद द्वारा किए गए संशोधन के कारण सामाजिक रूप से पिछड़ी जाति की सूची में किसी भी जाति को जोड़ने की कोई शक्ति नहीं है।


न्यायालय ने कहा, “ राज्यों के पास संसद द्वारा किए गए संशोधन के कारण सामाजिक रूप से पिछड़ी जाति की सूची में किसी भी जाति को जोड़ने की कोई शक्ति नहीं है। राज्य केवल जातियों की पहचान कर सकते हैं और केंद्र को सुझाव दे सकते हैं ... केवल राष्ट्रपति ही राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा निर्देशित एसईबीसी सूची में जाति को जोड़ सकते हैं।

न्यायालय ने हालांकि यह भी कहा कि स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रम और नए कोटा कानून के तहत पहले से की गई नियुक्तियों पर आज के फैसले से कोई असर नहीं पड़ेगा।