सूचना प्रौद्योगिकी कानून 2000 की धारा 66 ए के तहत मुकदमा दर्ज न करने का निर्देश IT Act News
14 जुलाई
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से उनके मातहत पुलिस स्टेशनों को सूचना प्रौद्योगिकी कानून 2000 की निरस्त की जा चुकी धारा 66 ए के तहत मुकदमा दर्ज न करने का निर्देश देने को कहा है।
गृह मंत्रालय ने सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया है कि वे सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इस बारे में उच्चतम न्यायालय द्वारा वर्ष 2015 में दिए गए आदेश का पालन करने के प्रति संवेदनशील बनाएं।
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से यह भी कहा है कि यदि इस कानून की धारा 66 ए के तहत कोई मुकदमा दर्ज किया जा चुका है तो उसे तुरंत वापस ले ले।
उच्चतम न्यायालय ने श्रेया सिंघल बनाम केंद्र सरकार मामले में मार्च 2015 में सूचना प्रौद्योगिकी कानून 2000 की धारा 66 ए को निरस्त कर दिया था। इस आदेश के बाद उसी दिन से यह धारा निष्प्रभावी हो गई थी इसलिए इसके तहत किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जा सकती।
उल्लेखनीय है कि कुछ राज्यों में पुलिस अभी भी इस धारा के तहत मुकदमा दर्ज कर रही थी और जब उच्चतम न्यायालय को इसकी जानकारी मिली तो उसने इसे लेकर काफी नाराजगी जताई थी। गृह मंत्रालय ने इसी पृष्ठभूमि में यह निर्णय लिया है ।