राहुल गांधी भी इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के संभावित निशाने पर: रिपोर्ट | Rahul Gandhi - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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मंगलवार, 20 जुलाई 2021

राहुल गांधी भी इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के संभावित निशाने पर: रिपोर्ट | Rahul Gandhi

 

राहुल गांधी भी इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के संभावित निशाने पर: रिपोर्ट | Rahul Gandhi

राहुल गांधी भी इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के संभावित निशाने पर: रिपोर्ट | Rahul Gandhi


19 जुलाई

 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को इजरायली स्पाइवेयर कंपनी पेगाससने फोन हैकिंग के जरिये दो बार निशाना बनाने के लिए चुना था।

ब्रिटिश अखबार गार्डियनमें सोमवार को प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है, “एनएसओ ने संभावित निगरानी के लिए श्री गांधी से संबंधित दो नंबरों को चुना था, जिनका जासूसी उपकरण पेगासस ग्राहकों को दूसरे व्यक्ति के मोबाइल फोन में घुसपैठ करने और संदेशों, कैमरा फीड और माइक्रोफोन की निगरानी करने की अनुमति देता है।

एनएसओ ग्राहकों द्वारा चुने गए संभावित निशाने की एक लीक सूची के अनुसार, श्री गांधी के कम से कम पांच करीबी दोस्तों और कांग्रेस पार्टी के अन्य अधिकारियों के फोन को भी स्पाइवेयर का उपयोग करने वाले संभावित निशानों के रूप में चिह्नित किया गया था।

रिपोर्ट के अनुसार, श्री गांधी के मोबाइल नंबर को 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले और उसके बाद के महीनों में जासूसी के लिए चुना गया था।

श्री गांधी ने गार्डियन से कहा, “ यदि आपकी जानकारी सही है, तो आपके द्वारा वर्णित निगरानी का पैमाना और प्रकृति व्यक्तियों की निजता पर हमले से कहीं अधिक है। यह हमारे देश की लोकतांत्रिक नींव पर हमला है। इसकी पूरी तरह से जांच होनी चाहिए और जिम्मेदार लोगों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।

इन आंकड़ों को गैर-लाभकारी पत्रकारिता संगठन फॉरबिडन स्टोरीज और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने हासिल किया है और पेगासस प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में गार्डियन और अन्य मीडिया आउटलेट्स के साथ साझा किया।

इस बीच, भारत के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद को बताया कि इजरायली स्पाइवेयर का उपयोग करके मोबाइल फोन हैक करने की मीडिया रिपोर्ट झूठी है क्योंकि आंकड़ों में किसी फोन नंबर की मौजूदगी से यह पता नहीं चलता है कि उसका फोन पेगासस से संक्रमित था या हैकिंग के किसी प्रयास का शिकार हुआ था या नहीं।

उन्होंने एक बयान में कहा, “ किसी फोन का तकनीकी विश्लेषण किये बिना निर्णायक रूप से यह बताना संभव नहीं है कि उसे हैक करने का प्रयास या सफलतापूर्वक हैक किया गया था या नहीं।

गौरतलब है कि पेगासस एक मैलवेयर है जो आईफोन और एंड्रॉयड फोन को संक्रमित करता है ताकि टूल के ऑपरेटर संदेश, फोटो और ई-मेल निकाल सकें, कॉल रिकॉर्ड कर सकें और माइक्रोफोन को गुप्त रूप से सक्रिय कर सकें।