वाराणसी, उत्तर प्रदेश में किसान सम्मान सम्मेलन में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ
नम:
पार्वती पतये!
हर
हर महादेव!
उत्तर
प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री
श्रीमान योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय
मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी शिवराज सिंह चौहान, भागीरथ
चौधरी जी, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, विधान
परिषद के सदस्य और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष श्री भूपेंद्र चौधरी जी, प्रदेश सरकार के अन्य मंत्रीगण, जनप्रतिनिधिगण और विशाल संख्या में आए हुए मेरे किसान
भाई-बहन, काशी के मेरे परिवारजनों,
चुनाव
जीते के बाद आज हम पहली बार बनारस आयल हई। काशी के जनता जनार्दन के हमार प्रणाम।
बाबा
विश्वनाथ और मां गंगा के आशीर्वाद से, काशीवासियों
के असीम स्नेह से, मुझे
तीसरी बार देश का प्रधान सेवक बनने का सौभाग्य मिला है। काशी के लोगों ने मुझे
लगातार तीसरी बार अपना प्रतिनिधि चुनकर धन्य कर दिया है। अब तो मां गंगा ने भी
जैसे मुझे गोद ले लिया है, मैं
यहीं का हो गया हूं। इतनी गर्मी के बावजूद, आप
सभी यहां बड़ी संख्या में आशीर्वाद देने आए और आपकी ये तपस्या देख करके सूर्य
देवता भी थोड़ा ठंडक बरसाने लग गए। मैं आपका आभारी हूं, मैं आपका ऋणी हूं।
साथियों,
भारत
में 18वीं लोकसभा के लिए हुआ ये चुनाव, भारत के लोकतंत्र की विशालता को, भारत के लोकतंत्र के सामर्थ्य को, भारत के लोकतंत्र की व्यापकता को, भारत के लोकतंत्र के जड़ों की गहराई को दुनिया के सामने
पूरे सामर्थ्य के साथ प्रस्तुत करता है। इस चुनाव में देश के 64 करोड़ से ज्यादा लोगों ने मतदान किया है। पूरी दुनिया
में इससे बड़ा चुनाव कहीं और नहीं होता है, जहां
इतनी बड़ी संख्या में लोग वोटिंग में हिस्सा लेते हैं। अभी मैं जी-7 की बैठक में हिस्सा लेने के लिए इटली गया था। जी-7 के सारे देशों के सारे मतदाताओं को मिला दें, तो भी भारत के वोटर्स की संख्या उनसे डेढ़ गुना ज्यादा
है। यूरोप के तमाम देशों को जोड़ दें, यूरोपियन
यूनियन के सारे मतदाताओं को जोड़ दें, तो
भी भारत के वोटर्स की संख्या उनसे ढाई गुना ज्यादा है। इस चुनाव में 31 करोड़ से ज्यादा महिलाओं ने हिस्सा लिया है। ये एक देश
में महिला वोटर्स की संख्या के हिसाब से पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है। ये
संख्या अमेरिका की पूरी आबादी के आसपास है। भारत के लोकतंत्र की यही खूबसूरती, यही ताकत पूरी दुनिया को आकर्षित भी करती है, प्रभावित भी करती है। मैं बनारस के हर मतदाता का भी लोकतंत्र
के इस उत्सव को सफल बनाने के लिए आभार व्यक्त करता हूँ। ये बनारस के लोगों के लिए
भी गर्व की बात है। काशी के लोगों ने तो सिर्फ MP नहीं, बल्कि तीसरी बार PM भी
चुना है। इसलिए आप लोगों को तो डबल बधाई।
साथियों,
इस
चुनाव में देश के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो
वाकई अभूतपूर्व है। इस जनादेश ने एक नया इतिहास रचा है। दुनिया के लोकतांत्रिक
देशों में ऐसा बहुत कम ही देखा गया है कि कोई चुनी हुई सरकार लगातार तीसरी बार
वापसी करे। लेकिन इस बार भारत की जनता ने ये भी करके दिखाया है। ऐसा भारत में 60 साल पहले हुआ था, तब
से भारत में किसी सरकार ने इस तरह हैट्रिक नहीं लगाई थी। आपने ये सौभाग्य हमें
दिया, अपने सेवक मोदी को दिया। भारत जैसे देश में जहां युवा
आकांक्षा इतनी बड़ी है, जहां
जनता के अथाह सपने हैं, वहां
लोग अगर किसी सरकार को 10 साल
के काम के बाद फिर सेवा का अवसर देते हैं, तो
ये बहुत बड़ी Victory है, बहुत बड़ा विजय है और बहुत बड़ा विश्वास है। आपका ये
विश्वास, मेरी बहुत बड़ी पूंजी है। आपका ये विश्वास मुझे लगातार
आपकी सेवा के लिए, देश
को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा देता है। मैं दिन रात
ऐसे ही मेहनत करूंगा, आपके
सपनों को पूरा करने के लिए आपके संकल्पों को पूरा करने के लिए मैं हर प्रयास
करूंगा।
साथियों,
मैंने
किसान, नौजवान, नारी
शक्ति और गरीब, इन्हें
विकसित भारत का मजबूत स्तंभ माना है। अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत मैंने इन्हीं
के सशक्तिकरण से की है। सरकार बनते ही सबसे पहला फैसला, किसान और गरीब परिवारों से जुड़ा फैसला लिया गया है।
देशभर में गरीब परिवारों के लिए 3
करोड़ नए घर बनाने हों, या
फिर पीएम किसान सम्मान निधि को आगे बढ़ाना हो, ये
फैसले करोड़ों-करोड़ों लोगों की मदद करेंगे। आज का ये कार्यक्रम भी विकसित भारत के
इसी रास्ते को सशक्त करने वाला है। आज इस खास कार्यक्रम में काशी के साथ-साथ काशी
से ही देश के गांव के लोग जुड़े हैं, करोड़ों
किसान हमारे साथ जुड़े हुए हैं और ये सारे हमारे किसान, माताएं, भाई-बहनें
आज इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ा रहे हैं। मैं, अपनी
काशी से हिन्दुस्तान के कोने-कोने में, गांव-गांव
में, आज टेक्नॉलोजी से जुड़े हुए सभी किसान भाई-बहनों का, देश के नागरिकों का अभिवादन करता हूं। थोड़ी देर पहले ही
देशभर के करोड़ों किसानों के बैंक खाते में पीएम किसान सम्मान निधि के 20 हज़ार करोड़ रुपए पहुंचे हैं। आज 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने की तरफ भी बड़ा कदम
उठाया गया है। कृषि सखी के रूप में बहनों की नई भूमिका, उन्हें सम्मान और आय के नए साधन, दोनों सुनिश्चित करेंगे। मैं अपने सभी किसान परिवारों को, माताओं-बहनों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।
साथियों,
पीएम
किसान सम्मान निधि, आज
दुनिया की सबसे बड़ी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम बन चुका है। अभी तक देश के
करोड़ों किसान परिवारों के बैंक खाते में सवा 3 लाख
करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं। यहां वाराणसी जिले के किसानों के खाते में भी 700 करोड़ रुपए जमा हुए हैं। मुझे खुशी है कि पीएम किसान
सम्मान निधि में सही लाभार्थी तक लाभ पहुंचाने के लिए टेक्नोलॉजी का बेहतर
इस्तेमाल हुआ है। कुछ महीने पहले ही विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान भी एक
करोड़ से अधिक किसान इस योजना से जुड़े हैं। सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ
पाने के लिए कई नियमों को भी सरल किया है। जब सही नीयत होती है, सेवा की भावना होती है, तो
ऐसे ही तेजी से किसान हित के, जनहित
के काम होते हैं।
भाइयों
और बहनों,
21वीं सदी के भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत
बनाने में पूरी कृषि व्यवस्था की बड़ी भूमिका है। हमें वैश्विक रूप से सोचना होगा, ग्लोबल मार्केट को ध्यान में रखना होगा। हमें दलहन और
तिलहन में आत्मनिर्भर बनना है। और कृषि निर्यात में अग्रणी बनना है। अब देखिए, बनारस का लंगड़ा आम, जौनपुर
की मूली, गाजीपुर की भिंडी, ऐसे
अनेक उत्पाद आज विदेशी मार्केट में पहुंच रहे हैं। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट और
जिला स्तर पर एक्सपोर्ट हब बनने से एक्सपोर्ट बढ़ रहा है और उत्पादन भी एक्सपोर्ट
क्वालिटी का होने लगा है। अब हमें पैकेज्ड फूड के ग्लोबल मार्केट में देश को नई
ऊंचाई पर ले जाना है और मेरा तो सपना है कि दुनिया की हर डायनिंग टेबल पर भारत का
कोई न कोई खाद्यान्न या फूड प्रॉडक्ट होना ही चाहिए। इसलिए हमें खेती में भी ज़ीरो
इफेक्ट, ज़ीरो डिफेक्ट वाले मंत्र को बढ़ावा देना है। मोटे
अनाज-श्री अन्न का उत्पादन हो, औषधीय
गुण वाली फसल हो, या
फिर प्राकृतिक खेती की तरफ बढ़ना हो, पीएम
किसान समृद्धि केंद्रों के माध्यम से किसानों के लिए एक बड़ा सपोर्ट सिस्टम विकसित
किया जा रहा है।
भाइयों
और बहनों,
यहां
इतनी बड़ी संख्या में हमारी माताएं-बहनें उपस्थित हैं। माताओं-बहनों के बिना खेती
की कल्पना भी असंभव है। इसलिए, अब
खेती को नई दिशा देने में भी माताओं-बहनों की भूमिका का विस्तार किया जा रहा है।
नमो ड्रोन दीदी की तरह ही कृषि सखी कार्यक्रम ऐसा ही एक प्रयास है। हमने आशा
कार्यकर्ता के रूप में बहनों का काम देखा है। हमने बैंक सखियों के रूप में डिजिटल
इंडिया बनाने में बहनों की भूमिका देखी है। अब हम कृषि सखी के रूप में खेती को नई
ताकत मिलते हुए देखेंगे। आज 30 हज़ार
से अधिक सहायता समूहों को कृषि सखी के रूप में प्रमाणपत्र दिए गए हैं। अभी 12 राज्यों में ये योजना शुरू हुई है। आने वाले समय में
पूरे देश में हज़ारों समूहों को इससे जोड़ा जाएगा। ये अभियान 3 करोड़ लखपति दीदियां बनाने में भी मदद करेगा।
भाइयों
और बहनों,
पिछले
10 वर्षों में काशी के किसानों के लिए केंद्र सरकार ने और
राज्य सरकार ने पिछले 7
साल से राज्य सरकार को मौका मिला है। पूरे समर्पण भाव से काम किया है। काशी में
बनास डेरी संकुल की स्थापना हो, किसानों
के लिए बना पेरिशेबल कार्गो सेंटर हो, विभिन्न
कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र हों, या
इंटीग्रेटेड पैक हाउस हो, आज
इन सब के कारण काशी और पूर्वांचल के किसान बहुत मजबूत हुए हैं, उनकी कमाई बढ़ी है। बनास डेय़री ने तो बनारस और आसपास के
किसानों और पशुपालकों का भाग्य बदलने का काम किया है। आज ये डेयरी हर रोज करीब 3 लाख लीटर दूध जमा कर रही है। अकेले बनारस के ही 14 हजार से ज्यादा पशुपालक, ये
हमारे परिवार इस डेयरी के साथ रजिस्टर्ड हो चुके हैं। अब बनास डेयरी अगले एक डेढ़
साल में काशी के ही 16
हजार और पशुपालकों को अपने साथ जोड़ने जा रही है। बनास डेयरी आने के बाद बनारस के
अनेकों दूध उत्पादकों की कमाई में भी 5
लाख रुपए तक की वृद्धि हुई है। हर साल किसानों को बोनस भी दिया जा रहा है। पिछले
साल भी 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का बोनस पशुपालकों के बैंक खाते
में भेजा गया था। बनास डेयरी अच्छी नस्ल की गिर और साहीवाल गायों को भी किसानों को
दे रही है। इससे भी उनकी आमदनी बढ़ी है।
साथियों,
बनारस
में मछलीपालकों की आय बढ़ाने के लिए भी हमारी सरकार लगातार काम कर रही है। पीएम
मत्स्य संपदा योजना से सैकड़ों किसानों को लाभ हो रहा है। उन्हें अब किसान क्रेडिट
कार्ड की भी सुविधा मिल रही है। यहां पास में चंदौली में करीब 70 करोड़ की लागत से आधुनिक फिश मार्केट का निर्माण भी किया
जा रहा है। इससे भी बनारस के मछली पालन से जुड़े किसानों को मदद मिलेगी।
साथियों,
मुझे
खुशी है कि पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को भी बनारस में जबरदस्त सफलता मिल
रही है। यहां के करीब-करीब 40 हजार
लोग इस योजना के तहत रजिस्टर हुए हैं। बनारस के 2100
से
ज्यादा घरों में सोलर पैनल लग चुका है। अभी 3 हजार
से ज्यादा घरों में सोलर पैनल लगाने का काम चल रहा है। जो घर पीएम सूर्य घर मुफ्त
बिजली योजना से जुड़े हैं उनमें से ज्यादातर को डबल फायदा हुआ है। उनका बिजली बिल
तो जीरो हो ही गया है, 2-3 हजार
रुपए की कमाई भी होने लगी है।
साथियों,
बीते
10 सालों में बनारस शहर और आसपास के गांवों में कनेक्टिविटी
का जो काम हुआ है, उससे
भी बहुत मदद हुई है। आज काशी में देश के सबसे पहले सिटी रोप वे प्रोजेक्ट का काम
अपने आखिरी पड़ाव तक पहुंच रहा है। गाजीपुर, आजमगढ़
और जौनपुर के रास्तों को जोड़ती रिंग रोड विकास का रास्ता बन गई है। फुलवरिया और
चौकाघाट के फ्लाईओवर बनने से जाम से जूझने वाले बनारस के आप लोगों को बहुत राहत
हुई है। काशी, बनारस
और कैंट के रेलवे स्टेशन अब एक नए रूप में पर्यटकों और बनारसी लोगों का स्वागत कर
रहे हैं। बाबतपुर एयरपोर्ट का नया रूप ना सिर्फ यातायात बल्कि व्यापार को भी बहुत
सहूलियत दे रहा है। गंगा घाटों पर होता विकास, बीएचयू
में बनती नई स्वास्थ्य सुविधाएं, शहर
के कुंडों का नवीन रूप, और
वाराणसी में जगह-जगह विकसित होती नई व्यवस्था काशी वासियों को गौरव की अनुभूति कराती
हैं। काशी में स्पोर्ट्स को लेकर जो काम हो रहा है, नए
स्टेडियम का जो काम हो रहा है, वो
भी युवाओं के लिए नए मौके बना रहा है।
साथियों,
हमारी
काशी संस्कृति की राजधानी रही है, हमारी
काशी ज्ञान की राजधानी रही है, हमारी
काशी सर्वविद्या की राजधानी रही है। लेकिन इन सब के साथ-साथ काशी एक ऐसी नगरी बनी
है, जिसने सारी दुनिया को ये दिखाया है कि ये हेरिटेज सिटी
भी अर्बन डेवलपमेंट का नया अध्याय लिख सकती है। विकास भी और विरासत भी का मंत्र
काशी में हर तरफ दिखाई देता है। और इस विकास से सिर्फ काशी का लाभ नहीं हो रहा है।
पूरे पूर्वांचल के जो परिवार काशी में अपने कामकाज और जरूरतों के लिए आते हैं। उन
सभी को भी इन सारे कामों से बहुत मदद मिलती है।
साथियों,
बाबा
विश्वनाथ की कृपा से काशी के विकास की ये नई गाथा, अनवरत
चलती रहेगी। मैं एक बार फिर, देशभर
से जुड़े सभी किसान साथियों का, सभी
किसान भाई-बहनों का हृदय से अभिवादन करता हूं, बधाई
देता हूं। काशीवासियों का भी मैं फिर से, हृदय
से आभार व्यक्त करता हूं।
नम:
पार्वती पतये!
हर
हर महादेव!