प्रदेश में पहली बार हुई रोपणी श्रेणीकरण एवं
मान्यता प्रक्रिया में वन विभाग ने भोपाल सहित इंदौर, जबलपुर, रतलाम और रीवा की 9
नर्सरियों को उत्कृष्ट श्रेणी में रखते हुए 5 स्टार रैंकिंग दी है। इनमें भोपाल की अहमदपुर, इंदौर की मालवा डेमो, बड़गोंदा, चंद्रकेशर, जबलपुर की शहरी रोपणी, परियट, रतलाम की क्षिप्रा विहार, रीवा की रीवा और समधिन शामिल हैं। प्रदेश में वन विभाग की 171 रोपणियों में से 9 को 5 स्टार, 48 को 4 स्टार और 86 को 3 स्टार रैंकिंग मिली है।
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री पी.सी. दुबे
ने बताया कि रोपणियों का श्रेणीकरण एवं मान्यता 9 बिन्दुओं पर की गई। ये बिन्दु हैं, बीज स्त्रोत एवं पौधों की गुणवत्ता, पौधों की विविधता, अधोसंरचना, जैविक खाद, अभिलेख संधारण, नवाचार एवं शोध, व्यवसायिक सेवा, कौशल क्षमता एवं ज्ञान और रोपणी
प्रदर्शन। पौधों की गुणवत्ता के लिये 32, पौध विविधता 11,
अधोसंरचना 17, जैविक खाद नवाचार और कौशल क्षमता के
लिये 5-5, व्यवसायिक सेवा के लिये 8, अभिलेख 7 और प्रदर्शन (निष्पादन) के लिये 10 अंक निर्धारित किए गए थे।
उत्कृष्ट श्रेणी में 91 से 100 अंक प्राप्त करने वाली रोपणियों को 5 स्टार, बहुत अच्छी श्रेणी में 71 से 90 अंक प्राप्त करने वालों को 4 स्टार, अच्छी श्रेणी में 51 से 70 अंक प्राप्त करने वाली रोपणी को 3 स्टार दिया गया है। रोपणी श्रेणीकरण एवं मान्यता से पौधों की
गुणवत्ता उच्चतर स्तर तक बढ़ाने, अनुसंधान
कार्यों का सुदृढ़ करने, सुधार एवं आवश्यकताओं की पहचान करने, पौध आपूर्ति के लिये उत्कृष्ट व्यवस्था
स्थापित करने आदि में मदद मिलेगी।
फोर स्टार रैंकिंग में सर्वाधिक 15 नर्सरी सागर जिले में और 13 सिवनी जिले में शामिल हैं। सागर जिले
में चकरा, पांडाझिर, अमानगंज, अंडेला, अमरमऊ, आमा, नोहटा, बहरोल, देवरा, विश्रामगंज,
कुंडेश्वर, सांगा, पिपरौट, सिरोंजा और गंज को तथा सिवनी जिले में
बाम्हनदेही-1, दुधिया, जैतपुर, बाम्हनदेही-2, बंजारी, बकौरी, आमगाँव, यामनगर, परमहंसी, नान्हीकन्हार,
पोआमा-2, बैनगंगा, पोआमा-1 को 4 स्टार रैंकिंग मिली है। बैतूल की खाकरापुरा, बागदेव, भोपाल की बांसापुर, अमरावद, ग्वालियर की कैंट अंगूरी, बैराज, भूता, इंदौर की पारस, बरोठा, जबलपुर की कटरा, अमेरा, सरसवाही, दरौली, झाबुआ की मोजीपाड़ा, अनास, खंडवा की निमाड़, नेपानगर, बोरगाँव और रीवा की मुकुंदपुर शामिल
हैं।