
सफलता के लिए उम्र कोई रूकावट नहीं है। अगर महिलाओं के बारे में बात की जाए तो अधिक से अधिक महिलाएं पारंपरिक मानसिकता को तोड़ कर आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने अपने प्रयासों से ये साबित कर दिया है कि उम्र सिर्फ एक नंबर है।
ट्विटर यूजर डौग मुरानो ने लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से 40 प्लस के बाद मिली सफलता की कहानियों को शेयर करने के लिए कहा।
वे ऐसे लोगों को सोशल मीडिया के जरिये प्रमोट करना चाहते हैं जिन्होंने बढ़ती उम्र में सफलता हासिल की। उन्होंने ऐसे कई लोगों का भी जिक्र किया जिन्होंने अपना सब कुछ खोने के बाद कामयाबी पाई। ऐसे तमाम लोग उनकी नजरों में तारीफ के काबिल हैं।
##एक ट्विटर यूजर मीना आनंद ने कहा- ''मैंने 50 साल की उम्र में लॉ स्कूल में एडमिशन लिया। उन दिनों मैंने एक ऐसी क्लास में पढ़ाई जहां सभी यंग थे। उन्हें लग रहा था मैं उनकी लेक्चरर हूं। मेरे लिए फिर से स्टूडेंट बनना अच्छा अनुभव था। मैंने लॉ डिग्री प्राप्त की। कानून जैसा कुछ नहीं...''
##ब्रियाना ने ग्रेजुएशन के दौरान अनुभव को शेयर करते हुए लिखा - ''ग्रेजुएशन की पढ़ाई में और 90 के दशक की शुरुआत में मेरी मुलाकता एक ऐसी महिला से हुई जिसने अपनी जनजाति भाषा को संरक्षित करने के लिए 80 की उम्र के बाद पीएचडी की। उन्होंने बताया कि उनके परिवार में ऐसे कई लोग हैं जिनकी उम्र 100 साल है''।
##लॉरा ने अपनी बात कुछ इस तरह शेयर की - ''मेरे कॉलेज की एक मंजिल में मध्यम आयु वर्ग की ऐसी कई महिलाएं रहती थी जो स्टूडेंथ थीं। 18 साल की उम्र में मैंने इन महिलाओं को लेकर अपनी बात कहीं थी। लेकिन अब जब मैं एक मध्यम आयु वर्ग की महिला हूं तो मुझे लगता है कि मुझे इससे ज्यादा जानने की जरूरत है। मैँ इन महिलाओं से बहुत प्रभावित हुई''।
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