इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉ. कफील खान की तुरंत रिहाई का आदेश दिया है। वे 6 महीने से मथुरा की जेल में बंद हैं। हाईकोर्ट ने डॉ. खान काे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत पाबंद करने के आदेश को भी रद्द कर दिया है। कोर्ट ने रासुका लगाने और उसका समय बढ़ाने को भी गैर-कानूनी बताया।
हाईकोर्ट ने इस मामले में 28 अगस्त को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। डॉ. कफील पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी को लेकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में अलीगढ़ के डीएम ने रासुका की कार्रवाई की थी। इसके खिलाफ डॉ. कफील की मां नुजहत परवीन इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचीं थीं।
2 बार हिरासत बढ़ाई गई, 6 महीने से जेल में बंद
कफील खान को गोरखपुर के गुलहरिया थाने में दर्ज केस के सिलसिले में 29 जनवरी 2020 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। जेल में रहते हुए रासुका की तामील कराई गई। हाल ही में उनकी हिरासत बढ़ा दी गई थी।
2017 में चर्चा में आए थे कफील खान
डॉ. कफील खान 2017 में उस समय चर्चा में आए थे, जब गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 60 से ज्यादा बच्चों की मौत एक सप्ताह के अंदर हो गई थी। तब डॉ. खान को सस्पेंड कर दिया गया था। उन्हें इंसेफेलाइटिस वार्ड में अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरतने और निजी प्रैक्टिस करने के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था। हालांकि, पिछले साल उन्हें अदालत ने सभी आरोपों से बरी कर दिया था।
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