उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति ने बड़वानी जिले के तीन मध्यस्थता केंद्र का किया ई - लोकार्पण - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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शनिवार, 26 सितंबर 2020

उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति ने बड़वानी जिले के तीन मध्यस्थता केंद्र का किया ई - लोकार्पण



बड़वानी देश और प्रदेश में बन गया इकलौता जिला

 जिसके सभी न्यायालय भवन है आईएसओ अवार्ड प्राप्त

बड़वानी 26 सितंबर 2020

 म.प्र. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति एवं मुख्य संरक्षक म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के न्यायमूर्ति श्री अजय कुमार मित्तल, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के न्यायमूर्ति श्री संजय यादव, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय एवं प्रशासनिक न्यायाधिपति उच्च न्यायालय इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति श्री सुरेशचंद शर्मा तथा सदस्य सचिव मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर श्रीमती गिरिबाला सिंह ने ई - लोकापर्ण के माध्यम से बड़वानी जिले की तहसील राजपुर, अंजड़ व खेतिया में नवनिर्मित मध्यस्था केंद्र भवनों का ई-लोकार्पण शनिवार को जबलपुर से किया। इस अवसर पर मुख्य न्यायाधिपति ने राजपुर, अंजड़  और खेतिया न्यायालय को प्राप्त आईएसओ 9001 2005 प्रमाण पत्र भी प्रदान करने की कार्यवाही की।

 इस अवसर पर मध्यस्थता केंद्र राजपुर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश बड़वानी श्री राजेश गुप्ता, न्यायाधीशगण सर्वश्री निर्भयकुमार गरवा, अरुण सिंह अलावा, अंजड़ मध्यस्था केंद्र पर विशेष न्यायाधीश श्री दिनेश चंद्र थपलियाल, भूतपूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री रामेश्वर कोठे, न्यायाधीश श्री अमूल मंडलोई व श्रीमती आभा गवली, खेतिया में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती कृष्णा परस्ते, श्री आशुतोष अग्रवाल,  श्री विशाल खाडे तथा संबंधित अभिभाषक संघ के पदाधिकारी भी उपस्थित थे ।

 उल्लेखनीय है कि बड़वानी, प्रदेश का और देश का अब प्रथम जिला बन गया है जिसके सभी न्यायालय अपनी व्यवस्थाओ, आने वाले पक्षों की सुविधा के लिए सहज दृश्य, पक्षकार उन्मुख वातावरण ,अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार एक सुंदर परिवेश उपलब्ध कराने के लिए आईएसओ प्रमाण पत्र प्राप्त है। 

 इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश बड़वानी श्री राजेश गुप्ता ने बताया कि जिले के दूरस्थ तहसील स्थानों पर निर्मित यह मध्यस्थता केंद्र, पक्षकारों को मध्यस्थता की निःशुल्क सरल, सहज, गोपनीय प्रक्रिया के माध्यम से विवादों का शांतिपूर्ण, स्वैच्छिक, स्थाई समाधान करने और समाज में सौहार्द, शांति स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होंगे। इससे विधिक सहायता और सेवा की सभी गतिविधियों को भी दूरस्थ क्षेत्रों तक बढ़ाने में मदद मिलेगी ।