बैंक ऑफ महाराष्ट्र और इंडियन ओवरसीज बैंक ने कर्ज की ब्याज दरों में कटौती की है। दोनों बैंकों ने अपने चुनिंदा अवधि की MCLR में 0.10 फीसदी तक कटौती की है। इससे न केवल नया कर्ज सस्ता होगा बल्कि मौजूदा ग्राहकों के होम और ऑटो लोन की ईएमआई भी कम हो जाएगी। बैंक ऑफ महाराष्ट्र और इंडियन ओवरसीज बैंक ने अपने चुनिंदा अवधि की MCLR में 0.10 फीसदी तक कटौती कर दी है की बैंक ऑफ महाराष्ट्र संशोधित दरें सोमवार से लागू हो गई हैं।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र
बैंक ने एक साल के कर्ज पर MCLR 7.40 फीसदी से घटाकर 7.30 फीसदी कर दी है। वहीं 6 महीने के कर्ज पर MCLR 7.30 फीसदी से 7.25 फीसदी कर दी है। बैंक की नई दरें सोमवार से लागू हो गई हैं। बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने एक दिन, एक माह और तीन माह के कर्ज के लिए MCLR संशोधित कर क्रमश: 6.80 फीसदी, 7 फीसदी और 7.20 फीसदी किया है।
इंडियन ओवरसीज बैंक
इंडियन ओवरसीज बैंक ने सभी अवधि के कर्जों के लिए MCLR में 0.10 फीसदी की कटौती की है। बैंक की एक साल के कर्ज की MCLR 7.55 फीसदी कर दी है। इसके अलावा 3 माह और 3 माह की MCLR घटा कर क्रमश: 7.45 फीसदी और 7.55 की गई है। बैंक की नई दरें 10 सितंबर से प्रभावी होंगी।
MCLR क्या है?
बैंक 2016 से मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिग रेट्स (MCLR) के आधार पर कर्ज दे रहे हैं। जब आप किसी बैंक से कर्ज लेते हैं तो बैंक द्वारा लिए जाने वाले ब्याज की न्यूनतम दर को आधार दर कहा जाता है। इसी आधार दर की जगह पर अब बैंक MCLR का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसकी गणना बैंक के संचालन खर्च और नकदी भंडार अनुपात को बनाए रखने की लागत के आधार पर की जाती है। बाद में इस गणना के आधार पर लोन दिया जाता है। यह आधार दर से सस्ता होता है।
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