फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह राफेल लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली महिला पायलट होंगी। बनारस की रहने वाली शिवांगी एक महीने से अंबाला में राफेल कनवर्सन ट्रेनिंग ले रही हैं। जल्द ही उन्हें गोल्डन ऐरो स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा।
अंबाला आने से पहले शिवांगी राजस्थान में पाकिस्तानी सीमा से लगे एयरबेस पर तैनात थीं। वहां उन्होंने विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के साथ भी काम किया, जिन्होंने बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद मिग-21 से पाकिस्तानी वायुसेना के फाइटर जेट को मार गिराया था।
सूत्रों के मुताबिक, फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी मिग-21 बाइसन उड़ा रही थीं। 2017 में कमीशन पाने वाली शिवांगी महिला फाइटर पायलट के दूसरे बैच से हैं। शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में दाखिला लिया।
जहां वह एनसीसी की 7वीं यूपी एयर स्क्वाड्रन का हिस्सा थीं। 2016 में उन्होंने वायुसेना अकादमी में ट्रेनिंग शुरू की। वायुसेना के अधिकारी ने कहा, यह सुखद है कि फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी वायुसेना के सबसे पुराने लड़ाकू विमान मिग-21 के बाद सबसे उन्नत राफेल लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं।
वायुसेना में महिला अधिकारियों की संख्या 1875 है
अभी वायुसेना में 10 महिला फाइटर पायलट और 18 नेवीगेटर हैं। वायुसेना में महिला अधिकारियों की संख्या 1875 है। 2018 में फ्लाइंग ऑफिसर अवनि चतुर्वेदी अकेले लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं।
उनके अलावा फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहना सिंह और फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कंठ पहली बार बतौर फाइटर पायलट वायुसेना में शामिल हुईं। इसके बाद सरकार ने महिलाओं के लिए भी प्रायोगिक तौर पर फाइटर स्ट्रीम खोलने का फैसला किया।