मध्यप्रदेश सरकार ने आज विधानसभा में स्वीकार
किया कि लगभग एक वर्ष पहले सितंबर 2019 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की
ओर से ''पीएमटी
2012'' के
संबंध में विशेष न्यायालय में प्रस्तुत आरोपपत्र (चालान) में निजी चिकित्सा
महाविद्यालयों में पीएमटी के माध्यम से भर्ती में अनियमितताओं को लेकर निजी
चिकित्सा महाविद्यालयों के संचालकों और अधिकारियों को आरोपी बनाया है।
राज्य के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने
सदस्य प्रताप ग्रेवाल के सवाल के लिखित जवाब में यह बात स्वीकार की है।
गृह मंत्री ने कहा कि व्यापमं प्रकरण की जांच करने वाली सीबीआई भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार उसकी ओर से पीएमटी 2012 से संबंधित विशेष न्यायालय में प्रस्तुत चालान में निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में पीएमटी के माध्यम से भर्ती में फर्जीवाड़े को लेकर चार निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के मालिक और अधिकारियों को आरोपी बनाया गया.