बारिश की चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के चक्रवात चेतावनी विभाग के अनुसार:
तेलंगाना में बना गहरा विक्षोभ पिछले 06 घंटों के दौरान 20 किमी प्रति घंटे की गति के साथ पश्चिम की ओर बढ़ गया है और आज यानि 14 अक्टूबर, 2020 को इसके उत्तर आंतरिक कर्नाटक में बने रहने की संभावना है।
चेतावनी
(i) बारिश की चेतावनी
14 अक्टूबर 2020: मध्य महाराष्ट्र, दक्षिण कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के घाट खंड और उत्तर आंतरिक कर्नाटक के आसपास के जिलों के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और कुछ स्थानों पर भारी से अत्यधिक भारी और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा (>20 सेमी प्रति दिन) होने की संभावना है। उत्तरी कोंकण और उत्तर आंतरिक कर्नाटक के शेष जिलों में अलग- अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। अगले 12 घंटों के दौरान मराठवाड़ा में अलग-थलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।
15 अक्टूबर 2020: कोंकण और गोवा के अधिकांश स्थानों पर भारी से अत्यधिक भारी और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा (>20 सेमी प्रति दिन) होने की संभावना है औऱ तटीय कर्नाटक के अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। मध्य महाराष्ट्र दक्षिण गुजरात क्षेत्र में अलग-थलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।
(ii) तेज हवा की चेतावनी
सिस्टम सेंटर के आसपास और मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और उससे सटे उत्तर आंतरिक कर्नाटक में अगले 12 घंटों के दौरान 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की संभावना है और बाद में इसकी रफ्तार 50 किलोमीटर प्रतिघंटे तक होने की संभावना है।
15 अक्टूबर की सुबह से महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटों के पर से बढ़कर 40-50 किमी प्रति घंटा 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। 16 अक्टूबर की शाम यह धीरे-धीरे 45-55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़कर 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पूर्व-पूर्वी और उससे सटे उत्तर-पूर्व अरब सागर और महाराष्ट्र तथा गुजरात के तटों की तरफ बढ़ जाएगी।
(iii) समुद्र की स्थिति
पूर्वी और पूर्वी उत्तरपूर्व अरब सागर से सटे और महाराष्ट्र और गुजरात के तटों पर 16 अक्टूबर को समुद्र में तेज और ऊंची लहरें उठने की संभावना है।
(iv) मछुआरों को चेतावनी
मछुआरों को सलाह दी जाती है कि16 अक्टूबर और उसके बाद आने वाले 3 दिनों के दौरान महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटों और पूर्वी तथा निकटवर्ती अरब सागर से सटे समुद्री तटों पर ना जाएं।
(v) कर्नाटक और महाराष्ट्र पर नुकसान की आशंका
धान की फसलों, केले, पपीते के पेड़ों और बागों और ड्रमस्टिक पेड़ों और बागवानी फसलों को नुकसान। भारी बारिश के कारण कच्चे तटबंधों को मामूली क्षति। निचले इलाकों में बाढ़ / जल जमाव, जमीनी परिवहन में व्यवधान, भूस्खलन, जल जमाव आदि। इसके अलावा सड़कें गीली और फिसलन भरी हो सकती हैं। भारी बारिश के कारण जलभराव की समस्या आ सकती है।