भविष्य में महँगाई की आशंका के मद्देनजर : नीतिगत दरों को यथावत बनाये रखने का निर्णय लिया - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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शुक्रवार, 9 अक्तूबर 2020

भविष्य में महँगाई की आशंका के मद्देनजर : नीतिगत दरों को यथावत बनाये रखने का निर्णय लिया


 मौद्रिक नीति समिति नीतिगत दर 2020

  • रेपो दर को चार प्रतिशत
  • रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत
  • बैंक दर को 4.25 प्रतिशत और 
  • मार्जिनल स्टैंडिंग फैस्लीलिटी (एमएसएफ) को 4.25 प्रतिशत 


कोरोना के कारण अर्थव्यवस्था में गिरावट और त्योहारी सीजन के मद्देनजर माँग बढ़ाने के लिए ब्याज दरों में कमी किये जाने की उम्मीद लगाये लोगों को शुक्रवार को उस समय निराशा हाथ लगी जब रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने निकट भविष्य में महँगाई की आशंका के मद्देनजर नीतिगत दरों को यथावत बनाये रखने का निर्णय लिया। इससे घर और कार की किस्तों में कमी की संभावना तत्काल समाप्त हो गयी है।

समिति के बयान में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में खुदरा महँगाई दर 5.4 प्रतिशत तक रहने का अनुमान है। हालांकि समिति ने चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में एकोमोडेटिव रुख बनाये रखने का फैसला किया है जिससे आगे ब्याज दरों में कटौती किये जाने की उम्मीद है।

नीतिगत दरों को यथावत बनाये रखने के साथ ही टारगेटेड लॉन्‍ग टर्म रेपो ऑपेरशन (टीएलटीआरओ) 2.0 के माध्यम से 31 मार्च 2021 तक बैंकों को एक लाख करोड़ रुपये तक उपलब्ध कराने के निर्णय का शेयर बाजार ने जोरदार स्वागत किया जिससे बीएसई के 30 शेयरों वाले संवेदी सूचकांक सेंसेक्स में करीब 300 अंकों की तेजी दर्ज की गयी। इससे बैंकिंग और वित्त समूह में तेजी रही।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में समिति ने नीतिगत दरों को यथावत बनाये रखने का निर्णय लिया। श्री दास ने कहा कि समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर को चार प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत, बैंक दर को 4.25 प्रतिशत और मार्जिनल स्टैंडिंग फैस्लीलिटी (एमएसएफ) को 4.25 प्रतिशत पर यथावत रखने का निर्णय लिया है।

मौद्रिक नीति समिति की यह तीसरी बैठक पहले 29 सितंबर से 01 अक्टूबर तक होनी थी लेकिन समिति के तीन बाहरी सदस्यों के रूप में नियुक्त डॉ़ चेतन घाटे, डॉ़ पम्मी दुआ और डॉ़ रवीन्द्र ढोलकिया का कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त हो रहा था जिसके कारण इनके स्थान पर नये सदस्यों की नियुक्ति तक बैठक टाल दी गई थी।