पीर खुशहाल के रहस्यमयी किले पर चला योगी सरकार का बुलडोजर, लीज़ समाप्ति के बाद भी 100 बीघा जमीन पर कर रखा था कब्ज़ा.
मुजफ्फरनगर के बिहारगढ़ में 45 साल तक अपनी सल्तनत खड़ी कर वहां पर राज करने वाले पीर खुशहाल के दरबार में बड़ी-बड़ी हस्तियां नतमस्तक होती रही हैं। प्रशासन ने वन विभाग की जमीन पर बनी इस अवैध चिल्लागाह को जमींदोज करा दिया।
वर्ष 1964 में मोरना ब्लॉक के बिहारगढ़ में खुशहाल पुत्र बहादुरखान का पदार्पण हुआ। खुशहाल सूफी किस्म का व्यक्ति था। धीरे-धीरे खुशहाल ने अपना वर्चस्व बढ़ाना शुरू कर दिया, जिसमें आसपास के लोगों के अलावा उसने राजनीतिक लोगों को अपना अनुयायी बनाया। लगातार खुशहाल का प्रभाव बढ़ने के साथ ही उसे लोग पीर खुशहाल के नाम से जानने लगे। वर्ष 1979 में अपना मूल निवास प्रमाणपत्र बनवा लिया।
पीर खुशहाल की ख्याति इतनी बढ़ी की राजनेताओं के साथ-साथ अधिकारी भी उनकी चौखट पर आने लगे। अपने राजनीतिक वर्चस्व के चलते खुशहाल ने वर्ष 1975 में बिहारगढ में 6.6 हेक्टेयर भूमि को धार्मिक व कृषि कार्य के लिए 30 वर्ष की लीज पर लिया। लीज पर लिए जाने के बाद इस भूमि में आलीशान महल, मस्जिद, चिल्लागाह, कब्रिस्तान व ईदगाह बनाई गई। मेहमानखाना हर समय उसके अनुयायियों से भरा रहने लगा। यहां पर बनाई गई चिल्लागाह में वह इबादत किया करते थे। पीर खुशहाल के दरबार में देश के साथ ही विदेशी मेहमानों का भी आनाजाना लगा रहता था। उसके महल में एक महीने में कई गाड़ी डीजल व बड़ी संख्या में सिलिंडर खर्च होते थे। महल में जैमर लगे थे, ताकि वहां पर कोई मोबाइल का इस्तेमाल न कर सके, जबकि महल के लोगों की बात वॉकी-टॉकी से होती।
पीर खुशहाल की लीज 2005 में खत्म हो गई थी। जिसके बाद वन विभाग की ओर से जमीन को खाली कराने का नोटिस पीर खुशहाल को दिया गया था। मगर मामला कोर्ट में जाने के बाद इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई थी। समय-समय पर वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर पीर खुशहाल चर्चाओं में भी बना रहा।
वर्ष 2016 में फिर वन विभाग द्वारा जमीन को खाली कराने का नोटिस भेजा गया। वहीं इसी साल उक्त जमीन पर वन विभाग द्वारा बोर्ड भी लगाया गया था। मगर उसके बावजूद भी जमीन खाली नहीं कराई गई थी। बुधवार को प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग मुज़फ्फरनगर सूरज सिंह व अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित कुमार, उप जिलाधिकारी जानसठ अजय अम्बष्ट भारी पुलिस बल के साथ गांव में पहुंचे और जेसीबी के द्वारा धवास्ति करण कर जमीन को कब्जा मुक्त कराया
बनी रहेगी मस्जिद व मजार
चिल्लागाह की भूमि की लीज अवधि न बढ़ने के बाद शासन-प्रशासन के आदेश पर बीते 11 नवंबर को बुलडोजर से भवन तोड़ने का काम शुरू हुआ था। वन क्षेत्राधिकारी सिगराज सिंह पुंडीर ने बताया कि चिल्लागाह के सज्जादानशीं सूफी जव्वाद अहमद व ख्वाजा चैरिटेबल ट्रस्ट की अध्यक्ष नाजिया आफरीदी ने आवासीय महल को भी खाली करना शुरू कर दिया है। परिसर में बनी खुशहाली मस्जिद व पीर बाबा की मजार पर अभी यथास्थिति बनी रहेगी। धार्मिक स्थल को छोड़कर अन्य निर्माण कार्य ध्वस्त किया जाएगा