स्वास्थ्य विभाग फर्जीवाड़ा :फेल की अंकसूची को बना दिया था प्रथम श्रेणी - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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सोमवार, 30 नवंबर 2020

स्वास्थ्य विभाग फर्जीवाड़ा :फेल की अंकसूची को बना दिया था प्रथम श्रेणी

 जबलपुर के स्वास्थ्य विभाग  फर्जीवाड़ा 


मध्य प्रदेश में जबलपुर के स्वास्थ्य विभाग में नौकरी पाने के लिए डिग्री में फर्जीवाड़ा किये जाने की खबर है। नौकरी पाने के लिए चार लोगों ने फर्जी अंकसूची लगाई थी। 12वीं में फेल होने की बावजूद प्रथम श्रेणी पास की अंकसूची तैयार कर नौकरी हासिल कर ली। जांच में पुष्टि के बाद सभी को बर्खास्त किया जा चुका है। शनिवार को सभी आरोपियों के खिलाफ ओमती थाने में एफआईआर भी दर्ज करवा दिया गया है।

जबलपुर के स्वास्थ्य विभाग  फर्जीवाड़ा


24 जनवरी 2011 को हुई थी भर्ती


ओमती टीआई एसपीएस बघेल ने बताया कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से एक प्रतिवेदन मिला था। बताया गया कि क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं जबलपुर के 24 जनवरी 2011 के आदेश पर जिले में लैब टेक्नीशियन के पदों पर नियुक्ति की गई थी। चयनित आवेदकों में साधना मर्सकोले, अरविंद कुमार रजक, कढोरीलाल, संदीप बर्मन की 10वीं और 12वीं की अंकसूची का माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल से सत्यापन कराया गया।


जांच में इस तरह उजागर हुआ फर्जीवाड़ा


सत्यापन में प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र चरगंवा में पदस्थ साधना मर्सकोले की 12वीं की अंक सूची में प्रथम श्रेणी पास होने का उल्लेख था। जबकि सत्यापन पर द्वितीय श्रेणी मे उत्तीर्ण मिली। सिविल अस्पताल सिहोरा में पदस्थ अरविंद कुमार रजक के 12वीं की अंकसूची में 377 अंको के साथ प्रथम श्रेणी में पास होने का उल्लेख था । जबकि सत्यापन पर 266 अंक प्राप्त होना ही पाया गया।


फेल की अंकसूची को बना दिया था प्रथम श्रेणी का


प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र मझगवां में पदस्थ कढोरीलाल प्रजापति की 12वीं की अंकसूची में 381 नंबर बताए गए थे। सत्यापन में 170 नंबर मिले। सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र कुंडम में पदस्थ संदीप कुमार बर्मन तीनों से एक कदम आगे निकला। 12वीं में फेल 150 अंक पाने वाले संदीप ने नौकरी के समय जो अंकसूची लगाई थी, उसमें 379 अंकों के साथ प्रथम श्रेणी में पास होने का उल्लेख था।


धोखाधड़ी सहित विभिन्न प्रकरण दर्ज

ओमती थाने में आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने धारा 420, 467, 468, 471,120 बी भादवि का प्रकरण दर्ज कर लिया है। पुलिस सूत्रों की मानें तो इसी तरह चार एक्सरे टेक्नीशियन के खिलाफ भी प्रकरण पहुंचा है। इसमें भी एफआईआर दर्ज हो सकती है। उक्त चारों आरोपियों ने भी इसी तरह फर्जी अंकसूची के आधार पर नौकरी पाई थी।