जबलपुर में हथियार बनाने की फैक्टरी का हुआ भंडाफोड़; CAA-NRC विरोध के समय यहीं बनी थी गुलेल
- शहनवाज उर्फ रवि अंसारी हुआ गिरफ्तार.
- 6-तलवार, 6- बका, एयरगन, 3 हाइटेक गुलेल व अन्य धारदार हथियार जब्त.
- सुरक्षा एजेंसियां हुई चौकन्नी
- इन्ही गुलेल से बनाया गया था पुलिस को निशाना
CAA और NRC के विरोध के नाम पर जबलपुर में हुए बवाल के दौरान जिस घातक गुलेल का इस्तेमाल हुआ था, उसे यू ट्यूब पर देखकर बनाया गया था। इस गुलेल से पत्थर या अन्य वजनी वस्तु से 150 से 200 मीटर दूर तक सटीक निशाना लगाया जा सकता है। इसी गुलेल से छतों से पुलिस को निशाना बनाया गया था। उस समय हनुमानताल, गोहलपुर, अधारताल क्षेत्र में इसकी काफी डिमांड थी। सीएसपी गोहलपुर ने हनुमानताल पुलिस के साथ गुलेल बनाने वाले आरोपी के घर दबिश दी। मौके पर गुलेल सहित धारदार हथियार बनाने का कारखाना मिला। पुलिस ने छह तलवार, छह बका, एयरगन, तीन हाइटेक गुलेल व अन्य धारदार हथियार जब्त किए।
सोमवार देर रात पुलिस ने मारा छापा
हनुमानताल थाना प्रभारी उमेश गोल्हानी ने बताया कि ठक्कर ग्राम निवासी शाहनवाज उर्फ रवि अंसारी के बारे में सूचना मिली थी कि वह घर में धारदार हथियार और गुलेल बनाता है। सोमवार देर रात 12.30 बजे उसके घर पर दबिश दी गई। घर में शाहनवाज अकेला रहता है। परिवार के लोग दूसरी जगह रहते हैं। मौके से एक एयर गन, तलवार, बका, हथौड़ा, कुल्हाड़ी, तीन गुलेल, बका-चाकू बनाने का कच्चा माल व ड्रिल मशीन सहित निर्माण में जरूरी अन्य उपकरण जब्त किए।
शहर के कई बदमाशों को बेचे गये है हथियार.
सीएसपी अखिलेश गौर ने बताया कि इसी कारखाने से पिछले दिसंबर महीने में सीएए व एनआरसी को लेकर मचे बवाल के दौरान प्रदर्शनकारियों को गुलेल बेची गई थी। पुलिस ने मौके से शहनवाज उर्फ रवि अंसारी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में शहनवाज ने बताया कि वह लम्बे समय से हथियार बनाकर बेचता है। उससे कई बदमाश ऑर्डर देकर अपनी पसंद के अनुसार हथियार बनवाते हैं। पुलिस ऐसे बदमाशों की सूची तैयार करने में जुटी है। आरोपी ने बताया कि सीएए व एनआरसी के समय सबसे अधिक उसकी गुलेल बिकी थी।
सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी
ठक्कर ग्राम संवेदनशील क्षेत्रों में आता है। यहां अवैध हथियारों का निर्माण और एकत्र किया जाना पुलिस के लिए चिंता की बात है। सीएए-एनआरसी का विरोध प्रदर्शन दिसंबर में शुरू हुआ था। एक वर्ष पूरा होने वाला है। ऐसे में एक घर में इस तरह से धारदार हथियारों का बनाया जाना गहरी साजिश का हिस्सा भी हो सकता है। यही कारण है कि सुरक्षा एजेंसियां भी चौकन्नी हो गई हैं।