पालघर के बाद महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक और साधु पर हमला - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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शुक्रवार, 13 नवंबर 2020

पालघर के बाद महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक और साधु पर हमला

पालघर के बाद महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक और साधु पर  हमला

महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं की हत्या के बाद अब औरंगाबाद के एक आश्रम में 7-8 अज्ञात लोगों ने घुस कर मारपीट की है। औरंगाबाद जिले के चौक परिसर के लाडसावंगी मार्ग पर स्थित प्रियशरण महाराज के आश्रम में घुसकर अज्ञात लोगों ने बुधवार को इस घटना को अंजाम दिया।





हमलावरों ने इमारत के पिछले दरवाजे को तोड़ने के बाद साधु के आश्रम में प्रवेश किया। उन्होंने आश्रम के एक कमरे में एक महिला को पाया और उसे 'महाराज' के बारे में जानकारी देने दी धमकी दी। महिला घबरा गई और उसने उन्हें बताया कि महाराज ऊपर हैं।इसके बाद हमलावर ऊपर गए, साधु पर हमला किया और भाग गए। हमले में साधु का बाएं पैर को गंभीर चोट आई है। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। जहां पर उसे साधु खून से लथपथ मिले, जिन्‍हें इलाज के लिए शहर के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया।

इस घटना के दौरान न चोरी हुई न लूटपाट, ऐसे में सवाल ये है कि हमला करने के पीछे की असल वजह क्या है। फिलहाल पूरे मामले की जांच फुलंबरी पुलिस कर रही है। पुलिस को हमले के पीछे निजी दुश्मनी की वजह पर शक है। मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है।

महाराष्ट्र में साधुओं पर हमलों का सिलसिला

इस साल महाराष्ट्र से साधुओं पर कई हमले हुए हैं। 17 अप्रैल को पालघर में मुंबई से गुजरात की यात्रा कर रहे हिंदू भिक्षुओं की भयावह हत्या के बाद, 23 मई को नांदेड़ जिले के उमरी शहर में उनके आश्रम में एक साधु की हत्या कर दी गई थी।

नांदेड़ की घटना में सांप्रदायिक मोड को खारिज करते हुए, पुलिस ने कहा कि हत्या के पीछे लूट का मकसद था। अपराधियों ने उसकी कार की चाबी के अलावा, पीड़ित के बेडरूम से 69,000 रुपये, उसका लैपटॉप और अन्य कीमती सामान लूट लिया था। पीड़ित की पहचान शिवाचार्य निर्वाणुद्र पशुपतिनाथ के रूप में की गई।

वहीं साधु पर हमले के बाद सियासत भी तेज हो गई है और बीजेपी ने उद्धव सरकार पर निशाना साधा है। बीजेपी नेता रामकदम ने कहा कि महाराष्ट्र में संत समाज सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या कर रही है महाविकास अघाड़ी सरकार, साधुओं पर लगातार जानलेवा हमले शर्मनाक और निंदनीय हैं। राम कदम ने हमलावरों को कड़ी सजा देने की मांग की है