हाइपरलूप परिवहन क्या होता है ? - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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गुरुवार, 26 नवंबर 2020

हाइपरलूप परिवहन क्या होता है ?

 हाइपरलूप परिवहन क्या होता है ?

हाइपरलूप के वाहन को क्या कहते हैं ?



हाइपरलूप क्या होते हैं ?

 

परिवहन के क्षेत्र में क्रांति लाने वाले हाइपरलूप का कॉन्सेप्ट एलन मस्कने दिया और इसे परिवहन का पाँचवां मोड़भी बताया। इस तकनीक को हाइपरलूप इसलिये कहा गया क्योंकि इसमें परिवहन एक लूप के माध्यम से होगा जिसकी गति अत्यधिक होगी

हाइपरलूप परिवहन का एक नया तरीका है जो माल ढुलाई के साथ ही लोगों को द्रुत-गति से सुरक्षित और ऑन-डिमांड उनके मूल स्थान से गंतव्य तक पहुँचाने में सक्षम है।

 

हाइपरलूप के वाहन को क्या कहते हैं ?

 

हाइपरलूपके वाहन को कैप्सूल या पॉड्सकहा जाता है। इन कैप्सूल या पॉड्समें यात्रियों को बिठाकर या कार्गो को लोड कर ज़मीन के ऊपर बड़े-बड़े पारदर्शी पाइपों में इलेक्ट्रिकल चुंबक पर चलाया जाएगा और चुंबकीय प्रभाव से ये कैप्सूल या पॉड्ससे कुछ ऊपर उठ जाएंगे जिससे घर्षण काफी कम होगा तथा तीव्र गति प्राप्त होगी।

 

हाइपरलूप परिवहन क्या होता है ?

 

हाइपरलूप परिवहन तकनीक, ज़मीनी यातायात का एक नया रूप है। इसमें परिवहन एक लूप के माध्यम से सम्पन्न होता है, जो काफी द्रुत-गति से चलता है ।

पॉड सिस्टम वाणिज्यिक वायु परिवहन से दोगुना और उच्च गति ट्रेन की तुलना में 4 गुना अधिक तेज है।


हाईपरलूप पॉड को कैसे चलाया जाता है ?

 

हाईपरलूप पॉड को विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए ट्यूब के अंदर मैग्नेटिक एनर्जी से चलाया जाता है।

उल्लेखनीय है कि इन ट्यूब के अंदर घर्षण को कम करने (लगभग शून्य) के लिए इनके अंदर निर्वात की स्थिति बनाई जाती है।

ये पॉड बिना पहियों के होते है ट्यूब के अंदर खाली स्थान में तैरते हुए आगे बढ़ते हैं।

ट्यूब के अंदर इन पॉड्स को 1200 किमी प्रतिघण्टा तक की गति से दौड़ाया जा सकता है।

 

हाईपरलूप की गति कितनी होती है ?

 

हाईपरलूप के संबंध में सबसे पहले टेस्ला और स्पेसक्स के सीईओ एलन मास्क ने 2013 में अल्फा पेपर जारी करके बताया था कि निर्वात ट्यूब के प्रयोग से 760 मील प्रति घंटा की गति प्राप्त की जा सकती है।

 

हाइपरलूप टेक्नोलॉजी और भारत सरकार

 

भारत सरकार के थिंक-टैंक नीति आयोग (NITI Aayog) ने भारत में तेज रफ्तार वाली यात्रा के लिए वर्जिन हाइपरलूप टेक्नोलॉजी’ (Virgin Hyperloop technology) की प्रौद्योगिकीय और वाणिज्यिक व्यावहारिकता (technological and commercial viability) का पता लगाने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति (high-level panel) का गठन किया है.  

भारत सरकार के थिंक-टैंक नीति आयोग (NITI Aayog) ने अपने एक दस्तावेज में कहा है कि परिवहन को लेकर उभरती प्रौद्योगिकी के मद्देनजर वर्जिन हाइपरलूप टेक्नोलॉजी’ (Virgin Hyperloop technology) की व्यावहारिकता का पता लगाना जरूरी है।

इस दस्तावेज में कहा गया है कि नयी प्रौद्योगिकी हासिल करने के संबंध में प्रौद्योगिकी की वाणिज्यिक, वित्तीय (व्यावहारिकता) और सुरक्षा मानक तथा नियमन पर गौर करने की आवश्यकता है। इसके लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाने का फैसला किया गया है।

समिति में नीति आयोग के अलावा रेलवे, डीआरडीओ,सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय आदि से भी सदस्य शामिल हैं।

 

र्जिन हाइपरलूप के बारे में

 

 वर्जिन हाइपरलूपका परीक्षण अमेरिका के लॉस वेगास में 500 मीटर की लाइन पर एक पॉडके साथ किया गया। इसकी रफ्तार 161 किलोमीटर प्रति घंटा थी। इस परीक्षण के दौरान पॉडमें एक भारतीय भी सवार था।

हाइपरलूप की अवधारणा किसने दी थी  ?


हाइपरलूप का कॉन्सेप्ट एलन मस्क’ ने दिया