MP Most Improved State
कृषि के क्षेत्र में मध्यप्रदेश देश का "मोस्ट इम्प्रूव्ड" राज्य
कृषि के क्षेत्र में मध्यप्रदेश गत तीन वर्षों से लगातार भारत का 'मोस्ट इम्प्रूव्ड' राज्य बना हुआ है। राज्य के सकल मूल्य वर्धित में कृषि क्षेत्र का योगदान 45 प्रतिशत है, जबकि निर्माण क्षेत्र का योगदान 20 प्रतिशत है एवं सेवा क्षेत्र का योगदान 35 प्रतिशत है। कृषि मध्यप्रदेश की सबसे प्रमुख आर्थिक गतिविधि है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान को गत दिवस 'इंडिया टुडे' पत्रिका समूह के एसोसिएट एडिटर श्री राहुल नरोन्हा द्वारा भोपाल में 'मोस्ट इम्प्रूव्ड' राज्य का अवार्ड प्रदान किया गया। इस अवसर पर संचालक जनसंपर्क श्री आशुतोष प्रताप सिंह उपस्थित थे।
इंडिया टुडे द्वारा करवाए गए मूल्यांकन में 'मोस्ट इम्प्रूव्ड' राज्य की श्रेणी में मध्यप्रदेश 320 में से 258.6 अंक प्राप्त कर भारत का प्रथम राज्य रहा। वहीं पंजाब को 'बैस्ट परफार्मिंग' राज्य की श्रेणी में 271.6 अंक के साथ देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।
कृषि आय में 05 वर्ष में 70 प्रतिशत की वृद्धि
मध्यप्रदेश में कृषि क्षेत्र में गत 5 वर्षों में 70 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2014-15 में मध्यप्रदेश का सकल मूल्य वर्धित (जी.वी.ए.) 01 लाख 30 हजार 946 करोड़ रूपए था वहीं वर्ष 2019-20 में यह बढ़कर 02 लाख 21 हजार 86 हो गया है। कृषि क्षेत्र में इतनी अधिक वृद्धि गत तीन वर्षों में देश के किसी राज्य में नहीं हुई।
मध्यप्रदेश के भोपाल, रायसेन, सीहोर, होशंगाबाद, हरदा एवं रायसेन जिलों में खरीफ में बासमती धान की खेती ने किसानों की आय में वृद्धि की है।
सिंचाई एवं बिजली का महत्वपूर्ण योगदान
मध्यप्रदेश में कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि सिंचाई सुविधाओं के निरंतर विकास एवं बिजली की पर्याप्त आपूर्ति के चलते संभव हुई है। इससे रबी के संचित क्षेत्र में अत्यधिक वृद्धि हुई है।
किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण
मध्यप्रदेश में किसानों को कृषि आदानों के लिए सरकार द्वारा शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण दिए जाना कृषि क्षेत्र में वृद्धि का एक और महत्वपूर्ण कारण है। साथ ही सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी ने भी कृषि क्षेत्र में वृद्धि को प्रोत्साहित किया है।
किसानों को पुरस्कार का श्रेय
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पूर्व में भी मध्यप्रदेश को कृषि क्षेत्र में कई अवार्ड मिले हैं। मैं प्रदेश के किसानों को इन पुरस्कारों का श्रेय देता हूँ। वर्ष 2005 में ही हमने तय किया था कि मध् प्रदेश में कृषि को लाभ का धंधा बनाने का हरसंभव प्रयास करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कृषि उत्पादन बढ़ाने लिए सिंचाई और बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की गई। खाद-बीज की समय पर बेहतर वितरण व्यवस्था की गई। साथ ही किसानों को बोनस प्रदान करना, आधुनिक पद्धतियों के प्रति आकर्षित करना, रिज़ एंड फेरो पद्धति और 0% ब्याज की व्यवस्था आदि से कृषि क्षेत्र में वृद्धि हुई। उत्पादन का किसानों को उचित दाम दिलवाया गया। इस वर्ष समर्थन मूल्य पर 1 करोड़ 29 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन हुआ है, जो देश में प्रथम है। किसानों को क्षति की भरपाई के लिए फसल बीमा योजना की राशि दिलवाना तथा प्रधानमंत्री किसान कल्याण निधि की राशि बढ़वाने के कार्य भी हुए हैं जो किसानों के लिए बड़ा सहारासिद्ध हुए।