संजय निरुपम का काँग्रेस पर हमला
बिहार विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस के नेतृत्व पर सर्वश्री कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद के बाद सोमवार को श्री संजय निरुपम ने हमला बोलते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तमिलनाडु और बंगाल में चुनाव लड़ रही है और पार्टी के वरिष्ठ नेता सार्वजनिक रुप से आपस में लड़ रहे हैं।
बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर हाल में संपन्न
चुनाव में कांग्रेस ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तेजस्वी यादव अगुवाई वाले
महागठबंधन से चुनाव लड़ा था। कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ी और केवल 19 ही जीत
पाई। इसके बाद पहले राजद के शिवानंद तिवारी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल
गांधी के प्रचार के दौरान सक्रियता पर सवाल खड़े किये थे। इसके बाद श्री सिब्बल और
श्री आजाद तथा अब श्री निरुपम बिफरे हैं।
मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष श्री निरुपम
ने आज कई सिलसिलेवार ट्वीट किये। उन्होंने कहा," बीजेपी तमिलनाडु और बंगाल में चुनाव
लड़ रही है,हमारे
वरिष्ठ नेता आपस में लड़ रहे हैं,वह भी सार्वजनिक रुप से। ये वही नेता हैं जो वर्षों से एआईसीसी
पर कब्जा जमाए बैठे हैं। जब अच्छा हुआ तो भोगे,अब बुरा हुआ तो कोस रहे हैं। बड़े
नेताओं की नेतृत्व में घटती आस्था पार्टी को कमजोर करेगी।"
उन्होंने कहा," कांग्रेस की बेहतरी के लिए सठनात्मक
चुनाव रामबाण उपाय नहीं है। सचमुच ब्लॉक और जिला के स्तर पर संगठन का स्ट्रक्चर
बिखर गया है। उसे चुनाव के बिना भी ठीक किया जा सकता है। पार्टी के प्रति लोगों
में बढ़ती बेरुख़ी सबसे ज़्यादा चिंताजनक है।उसे कैसे बदला जाए,इस पर जोर देना पड़ेगा। जब तक पार्टी का
शीर्ष नेतृत्व कमर कस कर तैयार नहीं होता,नीचे के स्तर पर ऊर्जाहीनता और दुविधा
बनी रहेगी। उपाय एक ही है,राहुल गांधी तत्काल अध्यक्ष बनें और संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन
करें।मेहनती और ऊर्जावान नेताओं और कार्यकर्ताओं को आगे लाएँ। चमत्कार जरूर
होगा।"
श्री निरुपम ने कहा," हमारे नरेटिव का रिकॉर्ड घिस गया है। नए नजरिए की आवश्यकता है। कांग्रेस ने सदा नए आइडियाज़ और सामयिक दृष्टिकोण देश के समक्ष रखा है। इसी से देश का भला हुआ है और पार्टी को नई जिंदगी मिली है। देश कॉंग्रेस का नया अवतार चाह रहा है।हम पुराना ढर्रा छोड़ नहीं रहे हैं। बदलाव नैसर्गिक सच है।"