तेलुगू कवि एवं लेखक देवी प्रिया
साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात
तेलुगू कवि एवं लेखक देवी प्रिया का शनिवार को यहां एनआईएमएस अस्पताल में लंबी
बीमारी के कारण निधन हो गया।
वह 71 वर्ष के थे और उनका एक पुत्र और एक
पुत्री है। वह राजनितिक पार्टियों पर व्यंग्य कार्टून और कविता बनाने के लिए भी
काफी प्रसिद्ध थे। उन्हें वर्ष 2017 में उनकी किताब गाली रंगु के लिए साहित्य
अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
श्री देवी प्रिया की उदयम तेलुगू में समकालीन
राजनीति पर ‘रनिंग
कमेंट्री’ भी
बहुत लोकप्रिय हुई थी। उन्होंने बाद में कुछ समाचार चैनलों के लिए भी रनिंग
कमेंट्री जारी रखी। उनका जन्म आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में तादिकोंडा इलाके
में हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में कई तेलुगू फिल्मों के लिए कई गीत भी लिखे है
और माँ भूमि में उनका लिखा हुआ 'जम्भल भरी भाई' बेहद प्रसिद्ध गीत था। वह यही नहीं रुके और उन्होंने अपने करियर में
गैरीबी गीतालु, अम्मा
चेट्टू चेपा चिलुका और कई किताबें भी लिखीं।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने
अपने शोक सन्देश में जाने-माने कवि, लेखक, पत्रकार और केंद्रीय साहित्य अकादमी
पुरस्कार विजेता श्री देवीप्रिया के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि
अपने लेखन,कविताओं
और लेखों के जरिये श्री देवीप्रिया ने हमेशा सामाजिक जागरुकता को बढ़ावा दिया है।
उन्होंने कहा कि श्री देवी प्रिया की कई उपलब्धियों में लेखक के तौर पाए गली रंगु
गीत सबसे शानदार रहा है।
मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और इसके अलावा विभिन्न मीडिया संगठनों ने भी श्री देवी प्रिया के आकस्मिक निधन पर शोक और शोक व्यक्त किया।