शुक्रयान मिशन
शुक्रयान और भारत
स्वीडिश इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस फिजिक्स (Swedish Institute of Space Physics -IRF), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के शुक्रयान(Shukrayaan) मिशन में मिल कर काम कर रही है ।
स्वीडिश इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस फिजिक्स (आईआरएफ़), शुक्रयान(Shukrayaan) मिशन के साथ अपना एक सैटेलाइट उपकरण ‘वीनसियन न्यूट्रल्स एनालाइजर’ (Venusian Neutrals Analyzer - VNA) भेजेगी।
वीनसियन न्यूट्रल्स एनालाइजर (VNA) शुक्र ग्रह के वातावरण का अध्ययन करेगा
एवं यह पता लगाने का प्रयास करेगा कि सूर्य से आवेशित कण शुक्र ग्रह (Venus) के वायुमंडल के साथ कैसे संपर्क करते
हैं।
भारत शुक्रयान मिशन
आने वाले समय में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान
संगठन(इसरो), शुक्र ग्रह (Venus Planet) पर शुक्रयान(Shukrayaan) मिशन भेजेगा, ताकि इस ग्रह के बारे में और अधिक
जानकारी हासिल की जा सके।
देश के पहले शुक्र मिशन के लिए इसरो द्वारा
लॉन्च का समय जून, 2023 रखा गया था लेकिन कोविड महामारी
के कारण हुई देरी के चलते संभवत इस मिशन को 2024 या 2026 में लॉन्च किया जायेगा।
शुक्रयान (Shukrayaan) मिशन में रूस,
फ्रांस, स्वीडन और जर्मनी आदि देशों का "समन्वित योगदान"( collaborative contributions) शामिल है।
शुक्र ग्रह के बारे में जानकारी
शुक्र ग्रह (Venus Planet), सौरमंडल का सबसे चमकीला ग्रह है। यह बुद्ध के
बाद सूर्य से दूसरा सबसे निकटतम ग्रह है।
शुक्र ग्रह(Venus Planet) को पृथ्वी की जुड़वाँ बहन (Sister Planet) कहा जाता है क्योंकि इसका द्रव्यमान व
आकार लगभग पृथ्वी के आकार के बराबर है।
इस ग्रह को भोर का तारा (Morning Star) व सांझ का तारा (Evening Star) के नामों से भी जाना जाता है।
शुक्र ग्रह(Venus Planet) पृथ्वी का सबसे निकटतम और सौरमंडल का सबसे गर्म
ग्रह है।
शुक्र ग्रह(Venus Planet) अपनी धुरी पर पूर्व से पश्चिम की ओर
घूमता है।
शुक्र ग्रह का कोई उपग्रह (चन्द्रमा) नहीं है।
शुक्र ग्रह के लिए विश्व का पहला मिशन सोवियत
संघ का वनेरा-3( Venera- 3) था।
हाल ही में खगोलविदों की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम
ने शुक्र ग्रह के वातावरण में फॉस्फीन गैस (Phosphine Gas) का पता लगाया है। इस खोज ने शुक्र ग्रह पर जीवन की उपस्थिति की
संभावना को बढ़ाया है।
FAQ
Q- शुक्र मिशन
कब लांच किया जाएगा ?
A- शुक्र मिशन के लिए इसरो द्वारा लॉन्च का समय
जून, 2023 रखा गया था लेकिन कोविड महामारी
के कारण हुई देरी के चलते संभवत इस मिशन को 2024 या 2026 में लॉन्च किया जायेगा।
Q- शुक्रयान (Shukrayaan) मिशन में कौन कौन देश शामिल हैं ?
A- शुक्रयान (Shukrayaan) मिशन में रूस,
फ्रांस, स्वीडन और जर्मनी आदि देशों का "समन्वित योगदान"( collaborative contributions) शामिल है।
Q- शुक्र ग्रह के लिए विश्व का पहला मिशन कौन था ?
A- शुक्र ग्रह के लिए विश्व का पहला मिशन सोवियत
संघ का वनेरा-3( Venera- 3) था।
Q- शुक्र ग्रह के वातावरण में कौन सी गैस पायी जाती है ?
A- फॉस्फीन गैस (Phosphine Gas)
Q- आईआरएफ़ शुक्रयान(Shukrayaan) मिशन के साथ कौन सा सैटेलाइट भेजेगी ?
A- स्वीडिश इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस फिजिक्स (आईआरएफ़), शुक्रयान(Shukrayaan) मिशन के साथ अपना एक सैटेलाइट उपकरण ‘वीनसियन न्यूट्रल्स एनालाइजर’ (Venusian Neutrals Analyzer - VNA) भेजेगी।
Q- वीनसियन न्यूट्रल्स एनालाइजर (Venusian Neutrals Analyzer) क्या है ?
A- शुक्रयान मिशन के तहत भेजे जाने वाला सैटेलाइट है । वीनसियन न्यूट्रल्स एनालाइजर (VNA) शुक्र ग्रह के वातावरण का अध्ययन करेगा एवं यह पता लगाने का प्रयास करेगा कि सूर्य से आवेशित कण शुक्र ग्रह (Venus) के वायुमंडल के साथ कैसे संपर्क करते हैं।