सशस्त्र सेना झंडा दिवस 2020
प्रधानमंत्री ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस के
अवसर पर सशस्त्र बलों के प्रति आभार व्यक्त किया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सशस्त्र
सेना झंडा दिवस के अवसर पर सशस्त्र बलों के प्रति आभार व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सशस्त्र सेना झंडा दिवस हमारे सशस्त्र
बलों और उनके परिवारों के प्रति आभार व्यक्त करने का दिन है। भारत को उनकी
बहादुरी और निस्वार्थ भाव से किए गए बलिदान पर गर्व है।
श्री मोदी ने कहा कि हमारी सशस्त्र सेनाओं के
कल्याण के लिए कुछ योगदान करें, आपके
इस कार्य से हमारे अनेक बहादुर जवानों और उनके परिवारों को काफी मदद मिलेगी।’’
सशस्त्र सेना झंडा दिवस क्यों मनाया जाता है
भारत में 1949 से हर वर्ष 7
दिसंबर को 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' शहीदों और देश की रक्षा कर रहे सैनिकों
के सम्मान में मनाया जाता है। 'सशस्त्र
सेना झंडा दिवस फंड' की स्थापना 1993 में हुई थी जिसका उद्देश्य अक्षम पूर्व
सैनिकों, युद्ध विधवाओं और अन्य लाभार्थियों की
सहायता करना है। हर साल करीब 60,000 रक्षाकर्मी
सेवानिवृत्त होते हैं।
सशस्त्र सेना झंडा का इतिहास
आजादी मिलने के साथ ही भारतीय सैनिकों और सेना
के कल्याण के लिए फंड की जरूरत महसूस की गई। 28 अगस्त, 1949 को, रक्षा मंत्री के अंतर्गत आने वाली एक
कमेटी द्वारा 7 दिसंबर को हर साल झंडा दिवस मनाने का फैसला किया।
यह दिन मनाने की शुरुआत करने के पीछे का मकसद
और विचार देशवासियों द्वारा सैनिकों का आभार व्यक्त करते हुए कुछ धनराशि का योगदान
करने के लिए अपील करना था।
इस दिन लोगों को सशस्त्र सेना का बैज या छोटा झंडा दिया जाता है, और बदले में भारतीय सेना के कल्याण के लिए उनके द्वारा स्वेच्छा से दान किया जाता है।
Armed Forces Flag Day is a day to express gratitude to our armed forces and their families. India is proud of their heroic service and selfless sacrifice.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 7, 2020
Do contribute towards the welfare of our forces. This gesture will help so many of our brave personnel and their families. pic.twitter.com/jqbemkbdRt