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रविवार, 6 दिसंबर 2020

8 दिसंबर भारत बंद से भारतीय किसान संघ ने बनाई दूरियां

8 दिसंबर भारत बंद से भारतीय किसान संघ ने बनाई दूरियां

  • कांग्रेस,  आम आदमी पार्टी,  TRS का बंद को समर्थन 
  • 10 ट्रेड  यूनियनों का भी भारत बंद को समर्थन


केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में  8 दिसंबर को बुलाए गए भारत बंद से भारतीय किसान संघ ने खुद को अलग करते हुए वक्तव्य जारी किया है. 



 भारतीय किसान संघ ने कहा है कि पांचवें दौर की वार्ता में भी कोई सहमति ना बनी,  लेकिन कृषि मंत्री ने  इन कानूनों में संशोधन की सहमति व्यक्त की है  साथ ही दोनों पक्ष 9 दिसंबर को पुनः वार्ता के लिए तैयार हैं,  किंतु फिर भी 8 दिसंबर को भारत बंद  की घोषणा कर दी गई है.

पंजाब राज्य सरकार द्वारा पारित वैकल्पिक बिलों  मैं केंद्रीय कानूनों को निरस्त कर दिया है,  इसके बावजूद पंजाब के किसान नेता क्यों बिलों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं!



भारतीय किसान संघ बिल को वापस लेने की जगह उसमें कुछ संशोधन के साथ लागू करने का पक्षधर है,  क्योंकि पूरे देश में छोटे-बड़े  किसानों के लिए इन बिलों की उपादेयता सिद्ध होती है. 

आंदोलन अभी तक शांतिपूर्ण चला है किंतु  हाल ही में कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिन्हे ध्यान में रखते हुए यह कहना अनुचित नहीं होगा कि विदेशी ताकतें,  राष्ट्रदोही  तत्व तथा कुछ राजनैतिक दलों का प्रयास  इस किसान आंदोलन को  अराजकता की ओर मोड़ देने का है.

साथ ही भारतीय किसान संघ ने आगाह किया है कि 2017 में मंदसौर में हुई घटना जिसमें कि 6 किसानों की मौत  एवं 32 गाड़ियां जली तथा कुछ दूकान एवं मकान जले थे, उस समय जिन लोगों ने आंदोलन को भड़काया वो अब विधायक और मंत्री बन गये लेकिन जो जले मरे उनका परिवार आज बर्बादी का दंश झेल रहे हैं. 

इन सब बांतो को ध्यान में रखते हुए भारतीय किसान संघ 8-दिसंबर को बुलाये भारत बंद से अलग रहने का निर्णय लिया है.