विधेयक भारतीय समुद्री क्षेत्र के लिए, खासतौर से अधिक निवेश जुटाने के लिए परिवर्तनकारी साबित होगा; श्री मनसुख मांडविया
पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय ने
भारतीय पत्तन विधेयक, 2020 का मसौदा जनता के परामर्श के लिए जारी किया है। यह विधेयक
भारतीय पत्तन कानून, 1908 (कानून संख्या 15) को निरस्त कर उसका स्थान लेगा।
भारतीय पत्तन विधेयक, 2020
भारतीय
पत्तन विधेयक, 2020
का मसौदा भारतीय पत्तनों की ढांचागत प्रगति और सतत् विकास के लिए निवेश आकर्षित
करने और पत्तनों के प्रभावी प्रशासन एवं प्रबंधन के जरिए भारतीय तट रेखा के
सर्वोत्तम उपयोग पर ध्यान केन्द्रित करता है। प्रस्तावित विधेयक गैर-परिचालन
योग्य पत्तनों की बड़ी संख्या को देखते हुए पत्तनों के संरक्षण के उपाय प्रदान
करेगा। यह नए पत्तनों के निर्माण और मौजूदा पत्तनों के प्रबंधन के लिए व्यापक
नियामक ढांचे का निर्माण कर भारतीय समुद्री क्षेत्र और पत्तनों में अधिक निवेश
सुनिश्चित करेगा।
यह विधेयक मोटे तौर पर निम्नलिखित तरीकों से
भारत में पत्तन क्षेत्र की प्रगति और सतत् विकास के लिए एक सक्षम वातावरण बनाने की
कोशिश करता है :
समुद्री पत्तन नियामक प्राधिकरण का गठन
तटीय राज्यों की सरकारों, राज्यों के समुद्री बोर्डों और अन्य हितधारकों के परामर्श से
राष्ट्रीय पत्तन नीति और राष्ट्रीय पत्तन योजना तैयार करना।
पोर्ट क्षेत्र में किसी भी गैर-प्रतिस्पर्धी कार्रवाई पर अंकुश लगाने और एक
त्वरित और वहन योग्य शिकायत निवारण तंत्र के रूप में कार्य करने के लिए विशेष
समुद्री न्यायाधिकरणों जैसे - समुद्री पत्तन न्यायाधिकरण और समुद्री पत्तन अपीलीय
ट्रिब्यूनल का गठन करना।
प्रस्तावित भारतीय पत्तन विधेयक, 2020 विधेयक के नवीनतम प्रावधान
प्रस्तावित विधेयक के नवीनतम प्रावधान पत्तनों की सुरक्षा, संरक्षा, प्रदूषण नियंत्रण, प्रदर्शन मानकों और स्थिरता को सुनिश्चित करेंगे।
विधेयक यह सुनिश्चित करता है कि सभी नवीनतम सम्मेलनों/प्रोटोकॉल, जिसमें भारत एक पक्ष है, को भी उपयुक्त रूप से शामिल किया गया
है। यह सही मायने में समुद्री सुरक्षा और संरक्षा को बढ़ावा देगा। विधेयक पत्तन और
पत्तन नेटवर्क के वैज्ञानिक विकास में आने वाले अंतराल को भी भरेगा।
विधेयक भारतीय समुद्री और पत्तन क्षेत्र में सार्वजनिक और निजी निवेश के लिए अतिरिक्त अवसर प्रदान करता है, ताकि पत्तनों के प्रवेश में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सके, प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके और पत्तन एवं समुद्री क्षेत्र की प्रगति के लिए जरूरी योजना बनाने के लिए एजेंसियों और निकायों की स्थापना की जा सके।
“कारोबार
की सुगमता” को
बढ़ाकर और समुद्री क्षेत्र में स्वनिर्भर घरेलू निवेश को गति देकर यह सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के लक्ष्य को प्राप्त करने में
मददगार होगा।
पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय में
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनसुख मांडविया ने कहा, “हम एक राष्ट्रीय पत्तन ग्रिड के
निर्माण पर काम कर रहे हैं। यह विधेयक भारतीय समुद्री क्षेत्र में अधिक निवेश लाने
के मामले में परिवर्तनकारी साबित होगा। यह विधेयक ढांचागत विकास और पत्तनों के सतत
विकास को बढ़ावा देगा और फास्ट ट्रैक आधार पर इस उद्देश्य को प्राप्त करना
सुनिश्चित करेगा। नतीजतन, यह क्रांतिकारी समुद्री सुधारों में परिणत होगा जो आने वाले समय में
भारतीय समुद्री समुच्चय को पूरी तरह से प्रभावित करेगा।”
भारतीय पत्तन विधेयक, 2020 का मसौदा सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया गया है ताकि इस पर फीडबैक और सुझाव दिए जा सकें। इसे लिंक http://shipmin.gov.in/sites/default/files/IPAbill.pdf पर देखा जा सकता है और सुझाव sagar.mala@nic.in ई-मेल पर 24 दिसम्बर, 2020 तक भेजे जा सकते हैं।