जम्मू -कश्मीर पुलवामा मुठभेड़ के विरोध में जनजीवन अस्त-व्यस्त - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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गुरुवार, 31 दिसंबर 2020

जम्मू -कश्मीर पुलवामा मुठभेड़ के विरोध में जनजीवन अस्त-व्यस्त


केन्द्र शासित जम्मू -कश्मीर के पुलवामा जिले में कल हुई मुठभेड़ के विरोध में गुरुवार को आयोजित हड़ताल के दौरान दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सड़कों पर वाहन नहीं चलने से जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा।

इस बीच, बुधवार से दक्षिण कश्मीर और मध्य कश्मीर के कुछ हिस्सों में एहतियात के तौर पर मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित है, कल श्रीनगर के बाहरी इलाके में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए थे।


मुठभेड में मारे गए युवकों के परिवारों और रिश्तेदारों के दावा है कि तीनों युवक निर्दोष थे और उनके समर्थन में पुलवामा में हड़ताल आयोजित की गई है।

पुलिस प्रवक्ता ने हालांकि आरोपों का खंडन करते हुए बताया कि आमतौर पर माता-पिता अपने बच्चों की गतिविधियों के बारे में नहीं पता होता हैं। उन्होंने कहा, “ग्रेनेड फेंकने और गोली चलने आदि जैसी आतंकवादी गतिविधियां करने बाद भी कई आतंकवादी अपने परिवार के साथ सामान्य रूप से रहते हैं। हालांकि श्रीनगर मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकवादियों का उल्लेख हमारी सूची में नहीं था, फिर भी उनमें से दो आतंकवादियों के सहयोगी थे।

जम्मू -कश्मीर पुलवामा मुठभेड़ के विरोध में जनजीवन अस्त-व्यस्त


परिवारों द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद नेशनल कांफ्रेंस (नेक्रां), पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीड़ीपी) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सहित कई राजनीतिक दलों ने मुठभेड़ की जांच की मांग की है।किसी भी संगठन द्वारा हड़ताल का आह्वान नहीं किए जाने के बावजूद पुलवामा में दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं और सड़कों से वाहन नदारद है। हालांकि कुछ निजी वाहन सड़कों पर देखे गए।

दक्षिण कश्मीर के सभी चार जिलों और मध्य कश्मीर के बडगाम जिले सहित चरार -ए- शरीफ के कुछ हिस्सों में एहतियात मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है।

माकपा के वरिष्ठ नेता मोहम्मद यूसुफ तारीगामी ने श्रीनगर के लावेपोरा के होकेसर इलाके में कल तीन आतंकवादियों की मुठभेड़ में मारे जाने न्यायिक जाँच की मांग की है।

मुठभेड़ में मारे गए युवकों के परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों ने पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) श्रीनगर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि तीनों युवक मंगलवार को परीक्षा फार्म जमा करने के लिए अपने-अपने घर से निकले। मारे गये एक आतंकवादी एजाज मकबूल के भाई ने पत्रकारों से कहा,“ मेरा भाई ऑपरेशन के तीन महीने के बाद पहली बार घर से वह बाहर फॉर्म जमा कराने गया था। उसे सड़क से पकड़ लिया गया। उनके साथ अन्य दो लड़के अजाज़ मुश्ताक और अतहर थे।

मुठभेड़ में मारे गए अन्य दो युवाओं के परिजनों ने भी विरोध किया और दावा किया कि उनके बच्चे निर्दोष थे।