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गुरुवार, 28 जनवरी 2021

युवती ने माता-पिता और ईसाई धर्म प्रचारको पर लगाया जबरन धर्म परिवर्तित कराने का आरोप, 9 लोग गिरफ्तार

युवती ने माता-पिता और ईसाई धर्म प्रचारको पर लगाया जबरन धर्म परिवर्तित कराने का आरोप, 9 लोग गिरफ्तार 




इंदौर: मध्यप्रदेश सरकार के जबरन धर्मांतरण के खिलाफ  नये अध्यादेश के तहत पुलिस ने यहां 25 वर्षीय युवती की शिकायत पर मामला दर्ज करते हुए उसके माता-पिता समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी से पहले बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने ईसाई समुदाय के एक केंद्र में कई लोगों का धर्म जबरन बदलने की कोशिश का आरोप लगाते हुए इसका विरोध किया और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की.


इंदौर के भंवरकुआं पुलिस थाने के प्रभारी संतोष कुमार दूधी के मुताबिक शालिनी कौशल (25) नाम की युवती ने शिकायत दर्ज कराई है कि उसकी मां रानी कौशल और पिता राकेश कौशल मंगलवार  को उसे उसकी नानी के घर ले जाने का बहाना बनाकर ईसाई समुदाय के "सत्प्रकाशन संचार केंद्र" में चल रही प्रार्थना सभा में ले गए. जोकि भवरकुंवा पुलिस थाने के ठीक पीछे स्थित है.

युवती ने अपनी शिकायत में कहा कि, "वहां (सत्प्रकाशन संचार केंद्र) कुछ लड़कियां थीं जो मेरे हाथ-पैर खींचकर मेरे साथ मारपीट कर रही थीं, मुझे वहां एक हॉल में जबरन बैठाकर रखा गया था. बहुत सारे लोग मंच पर प्रभु यीशु के गाने बजा रहे थे और वे मुझे इन गानों पर नाचने के लिए बोल रहे थे."


युवती के हवाले से प्राथमिकी में यह भी लिखा गया, "मैं हिंदू धर्म में जन्मी हूं और इसी धर्म का पालन करती हूं. प्रभु यीशु में मेरी कोई आस्था नहीं है, न ही मैं ईसाई धर्म अपनाना चाहती हूं. लेकिन मेरी मम्मी और ईसाई धर्म के आयोजकों द्वारा मेरा जबरन धर्मांतरण कराया जा रहा था.


थाना प्रभारी के मुताबिक युवती की शिकायत पर उसके माता-पिता और गणतंत्र दिवस पर आयोजित विवादास्पद प्रार्थना सभा में मौजूद नौ अन्य लोगों के खिलाफ "मध्यप्रदेश धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश 2020" के संबद्ध प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया, "शिकायतकर्ता युवती के माता-पिता समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. शेष दो आरोपियों की तलाश जारी है."

उधर, सत्प्रकाशन संचार केंद्र के निदेशक फादर बाबू जोसफ ने दावा किया की "इस घटनाक्रम के दौरान मैं केंद्र में नहीं था और वहां मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम से हमारा कोई लेना-देना नहीं है." केंद्र के संचालक ने कहा कि घटनाक्रम की जानकारी मिलने पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर माहौल शांत किया. उन्होंने बताया कि घटनाक्रम को लेकर उनके केंद्र की ओर से फिलहाल पुलिस को कोई शिकायत नहीं दी गई है.


इस बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है जिसमें घटनाक्रम के दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ता सत्प्रकाशन संचार केंद्र के परिसर में धार्मिक नारेबाजी करते नजर आ रहे हैं. बजरंग दल की स्थानीय इकाई के प्रमुख तन्नू शर्मा ने आरोप लगाया कि ईसाई समुदाय के इस केंद्र में इंदौर के साथ ही खंडवा, झाबुआ, बुरहानपुर और राज्य के अन्य जिलों के करीब 300 लोगों को धर्मान्तरण के लिए बुलाया गया था.


भंवरकुआं पुलिस थाने के प्रभारी संतोष कुमार दूधी ने हालांकि कहा, "इस केंद्र में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में शामिल ज्यादातर लोगों ने हमसे कहा कि वे अपनी इच्छा से वहां गए थे और उन्हें इस कार्यक्रम को लेकर कोई शिकायत नहीं है. केवल शालिनी कौशल ने कहा कि उन्हें उनके माता-पिता जबरन धर्मांतरण के लिए इस कार्यक्रम में ले गए थे." दूधी ने दावा किया कि शिकायतकर्ता युवती के माता-पिता का ईसाई धर्म के प्रति झुकाव है. थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है.