फक्कड़ बाबा ने श्री राम मंदिर निर्माण के लिए अपने जीवन भर की पूँजी 1 करोड़ रु. मंदिर ट्रस्ट को दान की - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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गुरुवार, 28 जनवरी 2021

फक्कड़ बाबा ने श्री राम मंदिर निर्माण के लिए अपने जीवन भर की पूँजी 1 करोड़ रु. मंदिर ट्रस्ट को दान की

फक्कड़ बाबा ने श्री राम मंदिर निर्माण के लिए अपने जीवन भर की पूँजी 1 करोड़ रु. मंदिर ट्रस्ट को दान की 


• अपने जीवन भर की अर्जित कमाई एक करोड़ रुपये किया मंदिर ट्रस्ट को समर्पित 

• फक्कड़ बाबा ने अपने जीवन के 60 साल गुफा में रह कर बिताए हैं। 

• बाबा ने कहा मेरे जीवन का जो लक्ष्य था या कहें कि एक सपना था कि मेरे जीते जी मैं राम मंदिर बनता हुआ देख पाऊं, अब पूरा होने जा रहा है। इसलिए उन्होंने अपने जीवन की समस्त पूंजी राम मंदिर के निर्माण के लिए दान दे दी। 

• सिंधी समाज ने 200 KG वजन की 200 ईट श्री राम मंदिर के निर्माण के लिए राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट को भेंट की 




भगवान श्री राम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण राशि का दायरा दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। ऋषिकेश में स्वार्गाश्रम स्थित टाट वाले बाबा के शिष्य 83 साल के फक्कड़ बाबा स्वामी शंकर दास ने अपने जीवन भर की अर्जित कमाई एक करोड़ रुपये की धनराशि को चेक समर्पण निधि के रूप में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण के लिए सौंपा। 

बुधवार दोपहर फक्कड़ बाबा स्वामी शंकर दास एक करोड़ की समर्पण निधि का चेक लेकर ऋषिकेश की एसबीआई की मुख्य शाखा के प्रबंधक विक्रम सिंह नेगी के पास पहुंचे। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघचालक सुदामा सिंगल भी मौजूद रहे। इस अवसर पर स्वामी शंकर दास ने बताया कि वह यह निधि  50 वर्षों से इसी पुण्य कार्य के लिए जमा कर रहे थे। 

शंकर दास महाराज का जीवन अत्यंत साधारण रहा है। उन्होंने अपने जीवन के 60 साल गुफा में रह कर बिताए हैं। उनके गुरु टाट वाले बाबा थे, जो महर्षि महेश योगी, विश्व गुरु महाराज और मस्तराम बाबा के समकालीन थे। स्वामी शंकर दास ने अपने गुरु के साथ-साथ काफी समय इन सब विभूतियों के सानिध्य में बिताया। उन्होंने अपने जीवन में अपने लिए कभी कोई सुख सुविधा नहीं जुटाई और सारा जीवन गुफा में ही बिताया। 


इसीलिए उन्हें लोग फक्कड़ बाबा के नाम से जानते हैं। मात्र दो जोड़ी कपड़ों में रहने वाले शंकर दास का कहना है कि उनके जीवन का जो लक्ष्य था या कहें कि एक सपना था कि मेरे जीते जी मैं राम मंदिर बनता हुआ देख पाऊं, अब पूरा होने जा रहा है। इसलिए उन्होंने अपने जीवन की समस्त पूंजी राम मंदिर के निर्माण के लिए दान दे दी। इस अवसर पर स्टेट बैंक के मैनेजर विक्रम नेगी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य रीतेंद्र चौहान और दीप्ति नौनी आदि मौजूद रहे।  

सिंधी समाज ने 200 KG वजन की 200 ईट श्री राम मंदिर के निर्माण के लिए राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट को भेंट की 



गणतंत्र दिवस के अवसर पर सिंधी समाज की ओर से 200 चांदी की ईंटें जिनका वजन 200 किलोग्राम है अयोध्या में श्री राम मंदिर के निर्माण के लिए राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट को भेंट की गईं। 

विश्व सिंधी सेवा समिति के अंतरराष्ट्रीय चेयरमैन डॉ. राजू मनवानी ने कहा कि विश्व सिंधी सेवा संगम, विश्व सिंधी सेवा समिति और सिंधी सेवा समिति पुणे ने मिलकर राम मंदिर के लिए 200 चांदी की ईंटें भेंट की हैं। सिंधी समाज ने ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय से निवेदन किया है कि इन ईंटों को राम मंदिर में प्रयोग किया जाए। माना जा रहा है कि सिंधी समाज की इच्छा के अनुसार इस चांदी को भगवान राम के सिंहासन या मूर्तियों में इस्तेमाल किया जाएगा।