पत्रकार श्री तुरलापति कुटुम्बा राव का निधन : उपराष्ट्रपति ने लिखा शोक संदेश - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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सोमवार, 11 जनवरी 2021

पत्रकार श्री तुरलापति कुटुम्बा राव का निधन : उपराष्ट्रपति ने लिखा शोक संदेश

 पत्रकार श्री तुरलापति कुटुम्बा राव

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने वयोवृद्ध पत्रकार श्री तुरलापति कुटुम्बा राव के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उपराष्ट्रपति का शोक संदेश इस प्रकार है:

पत्रकार श्री तुरलापति कुटुम्बा राव


 

'मैं वयोवृद्ध पत्रकार श्री तुरलापति कुटुम्बा राव के निधन के बारे में जानकर काफी व्यथित हूं।

 

मेरा श्री राव के साथ लंबे समय से संपर्क रहा है। उनका व्‍यक्तित्‍व बहुआयामी था और वह अपने आप में एक संस्‍था थे। वह एक स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक, जानेमाने पत्रकार और एक महान इंसान थे।

 

पद्म श्री पुरस्‍कार से सम्‍मानित श्री राव उन दिनों से ही सभी क्षेत्रों में उच्च नैतिक मानकों और मूल्यों को बनाए रखा जब वह आंध्र केसरी श्री तंगूटुरी प्रकाशम पंतुलु के निजी सचिव थे।

 

विजयवाड़ा की अपनी हालिया यात्रा के दौरान श्री राव ने मुझे स्वर्ण भारत ट्रस्ट में बुलाया था जहां मैं ठहरा था। श्री राव के साथ विविध विषयों पर मेरी जीवंत चर्चा हुई और वह हमेशा की तरह काफी ऊर्जावान और उत्साही दिख रहे थे।

 

उनके निधन की खबर से मुझे एक बड़ा झटका लगा है। हम उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुसरण करके और उनके द्वारा निर्धारित उच्च मानकों पर अमल करते हुए उन्‍हें सबसे अच्छी श्रद्धांजलि दे सकते हैं।

 

मैं शोक संतप्त परिवार के सदस्यों और उनके सभी अनुयायियों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। ओम शांति!'


तुरलापति कुटुम्बा राव के बारे में 

वयोवृद्ध पत्रकार, लेखक और पद्म श्री अवार्डी तुरलापति कुटुम्बा राव का सोमवार तड़के निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे। 

श्री राव को आंध्र राज्य के पहले मुख्यमंत्री, तंगुटुरी प्रकाशम के निजी सचिव होने का गौरव प्राप्त था। 

विजयवाड़ा के मूल निवासी, श्री राव ने तेलुगु अखबार के संपादक और संपादकीय लेखक के रूप में काम किया था आंध्र ज्योति करीब साढ़े तीन दशक तक। उन्होंने कई राष्ट्रीय नेताओं और आढ़तियों के भाषणों के तेलुगु में अनुवाद के लिए प्रशंसा हासिल की। 

श्री राव ने एक रिकॉर्ड संख्या में जनसभाओं को संबोधित किया, जिसने उन्हें गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में स्थान दिलाया। उन्होंने कई महत्वपूर्ण लोगों, देशभक्तों और स्वतंत्रता सेनानियों की जीवनी लिखी। 

पत्रकारिता, साहित्य और कला में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें 2002 में पद्म श्री से सम्मानित किया था।