लव जिहाद’ से संबंधित मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 को उच्चतम न्यायालय में चुनौती | MP Religious Freedom Ordinance 2020 - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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मंगलवार, 16 फ़रवरी 2021

लव जिहाद’ से संबंधित मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 को उच्चतम न्यायालय में चुनौती | MP Religious Freedom Ordinance 2020

 मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020


लव जिहादसे संबंधित मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 को चुनौती देने वाली याचिका उच्चतम न्यायालय में दायर की गयी है।

याचिका में राज्य सरकार के अध्यादेश को चुनौती देते हुए इसे संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 21 और 25 का उल्लंघन करार दिया गया है।

यह याचिका अधिवक्ता राजेश इनामदार, शाश्वत आनंद, देवेश सक्सेना, आशुतोष मणि त्रिपाठी और अंकुर आजाद की ओर से तैयार की गयी है और एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड (एओआर) अल्दानीश रेन द्वारा दायर की गयी है।

याचिका में कहा गया है, “विवादित अध्यादेश विवाह की आजादी, अपनी इच्छा के धर्म को अपनाने, उस पर अमल करने और उसके प्रचार-प्रसार की आजादी का हनन करता है और इसने आम आदमी की निजी स्वायत्तता, कानून की नजर में समानता, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और चयन एवं अभिव्यक्ति की आजादी पर कुठाराघात किया है, साथ ही यह भारत के संविधान, 1950 के अनुच्छेद 14, 19, 21 और 25 के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों का खुल्लम खुल्ला एवं स्पष्ट उल्लंघन है।

Religious Freedom Ordinance 2020


याचिकाकर्ता का कहना है, “ विधानसभा की विधायी प्रक्रिया से इतर अध्यादेश लागू करने का प्रतिवादियों का कदम न केवल निरंकुश और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है, बल्कि संविधान के साथ धोखा भी है।याचिका में अध्यादेश में जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाओं के बारे में सरकारी एजेंसियों अथवा विभागों के पास उपलब्ध उचित डाटा की गैर मौजूदगी को भी उल्लेखित किया गया है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश- 2020 और उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2018 को चुनौती देने वाली याचिकाएं पहले से ही शीर्ष अदालत में लंबित हैं।