गोबर-धन का एकीकृत पोर्टल
Unified Portal of Gobar-dhan
हाल ही में बायोगैस योजनाओं/पहलों
के सुचारु कार्यान्वयन और रियल टाइम निगरानी के लिये गोबर-धन का एकीकृत पोर्टल (Unified Portal of Gobar-dhan) शुरू किया गया है।
गोबर-धन का एकीकृत पोर्टल
हाल ही में बायोगैस योजनाओं/पहलों के
सुचारु कार्यान्वयन और रियल टाइम निगरानी के लिये गोबर-धन का एकीकृत पोर्टल (Unified Portal of Gobar-dhan) शुरू किया गया है।
प्रमुख बिंदु:
इसका उद्देश्य बायोगैस योजनाओं/पहलों के
सुचारु कार्यान्वयन और इनकी वास्तविक समय पर निगरानी के लिये विभिन्न
विभागों/मंत्रालयों के साथ घनिष्ठ समन्वय सुनिश्चित करना है।
समन्वयन:
लाभ:
आर्थिक: यह पोर्टल विभिन्न बायोगैस परियोजनाओं/मॉडल और पहलों के लिये एक विस्तृत दृष्टिकोण के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करेगा।
ओडीएफ प्लस लक्ष्य: SBMG के चरण 2 में उल्लिखित ओडीएफ प्लस लक्ष्य
(गाँवों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, बायोडिग्रेडेबल और
गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरे के संग्रह तथा परिवहन) काफी हद तक गोबर-धन योजना के
प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।
अन्य योजनाओं के साथ समन्वय: यह पोर्टल
भविष्य में संपीडित बायोगैस (CBG) उत्पादन संयंत्रों की स्थापना और
मोटर वाहनों में ईंधन के रूप में जैव ईंधन के उपयोग के लिये बाज़ार लिंकेज की
सुविधा सुनिश्चित कर सतत् (Sustainable Alternative
towards Affordable Transportation- SATAT) पहल के उद्देश्यों की प्राप्ति
में मदद करेगा।
बेहतर पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य:
ग्रामीण भारत में भारी मात्रा में जैव कचरा उत्पन्न होता है जिसका कुशलता से उपयोग
कर बेहतर ढंग से पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधन किया जा सकता है।
रोज़गार सृजन और बचत: जैव अपशिष्ट प्रसंस्करण के माध्यम से
रोज़गार और घरेलू बचत के अवसर उत्पन्न किये जा सकते हैं।
गोबर-धन योजना
गोबर-धन (Galvanizing Organic Bio-Agro Resources Dhan - GOBAR-DHAN) योजना की शुरुआत जल शक्ति
मंत्रालय द्वारा की गई है।
क्रियान्वयन:
इस योजना का क्रियान्वयन स्वच्छ भारत
मिशन (ग्रामीण) के हिस्से के रूप में किया जा रहा है।
घटक:
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में गाँवों
को स्वच्छ बनाने के लिये दो मुख्य घटक शामिल हैं - खुले में शौच मुक्त (ODF) गाँव बनाना और गाँवों में ठोस तथा तरल कचरे का प्रबंधन करना।
उद्देश्य:
इस योजना का उद्देश्य गाँवों को स्वच्छ
रखना, ग्रामीण घरों की आय बढ़ाना और मवेशियों द्वारा उत्पन्न कचरे से ऊर्जा
का उत्पादन करना है।
इसके अलावा ग्राम स्तर पर आजीविका के नए अवसरों का सृजन और
किसानों तथा अन्य ग्रामीणों की आय में वृद्धि करना है।
रथ सप्तमी
इस वर्ष रथ सप्तमी (Ratha Saptami) त्योहार 19 फरवरी, 2021 को मनाया जाएगा।
प्रमुख बिंदु:
- रथ सप्तमी एक वार्षिक हिंदू त्योहार है जो सूर्य देवता को समर्पित है।
- इस दिन आंध्र प्रदेश के तिरुमाला में एक दिवसीय ब्रह्मोत्सव का आयोजन किया जाता है।
- रथ सप्तमी को सूर्य जयंती भी कहा जाता है क्योंकि यह सूर्य के जन्म का प्रतीक है और इसे माघ सप्तमी कहा जाता है क्योंकि यह हिंदू महीना माघ के सातवें दिन (सप्तमी) मनाया जाता है।
- रथ सप्तमी मौसम में परिवर्तन (वसंत) और कटाई के मौसम की शुरुआत का भी प्रतीक है।