अपने गोद पुत्र को शादी पर आशीर्वाद देने पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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शनिवार, 27 फ़रवरी 2021

अपने गोद पुत्र को शादी पर आशीर्वाद देने पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

अपने गोद पुत्र को शादी पर आशीर्वाद देने पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह


रक्षामंत्री ने कहा -"मैं जब उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री था, मैंने तभी बिजेंद्र की पढ़ाई का खर्चा उठाने की ठानी थी और आज मुझे उसे एक डॉक्टर के रूप में देखकर बहुत खुशी होती है."



रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को गाजीपुर जिले के सैदपुर पहुंचे। उनके आने की वजह गैर-राजनीतिक है। जब वह यूपी के सीएम थे तो उन्होंने साल 2000-2001 के दौरान मदारीपुर की अनुसूचित जाति की सुशीला देवी के प्रतिभाशाली बेटे बृजेंद्र कुमार का बेहतर भविष्य बनाने के इरादे से उसे गोद लिया था।



रक्षा मंत्री के घर पहुंचने पर परिजनों की खुशी हुई दोगुनी

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के शादी पर घर आने के कार्यक्रम को लेकर बिजेन्द्र और उनके परिजनों की खुशी दोगुनी नजर आयी। इस मौके पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री था तभी दो बच्चों को गोद लिया था। बड़ी खुशी है बृजेंद्र सरकारी डॉक्टर बन चुके हैं। उनके शादी के निमंत्रण पर आज गाजीपुर पहुंचा हूं। पत्रकारों के एक दूसरे सवाल पर राजनाथ सिंह ने विपक्ष के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सेना के शौर्य और पराक्रम पर किसी को संदेह नहीं करना चाहिए।



आजमगढ़ के वीरपुर खिलवा निवासी सुशीला देवी के सबसे बड़े पुत्र बिजेंद्र के सिर से पिता जगन्नाथ का साया बचपन में ही उठ गया था। पति के देहांत के बाद सुशीला देवी अपने तीनो पुत्रों बिजेंद्र, विपिन और मंजेश को लेकर गाजीपुर के सैदपुर अपने मायके आ गईं। पढ़ने में तेज बिजेंद्र ने कक्षा आठ में टॉप किया।


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रित्व काल में स्कूल के वार्षिकोत्सव में किसी छात्र को गोद लेने और वर्षों तक पिता की भूमिका निभाने का उदाहरण रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने प्रस्तुत किया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (तत्कालीन मुख्यमंत्री) ने वाराणसी के आश्रम पद्धति के टॉपर छात्र बृजेंद्र को सन 2000 में गोद लिया था। प्रदेश और देश के बड़े पदों पर रहकर भी राजनाथ सिंह दत्तक पुत्र से मिलना नहीं भूले। वह हर वर्ष आने का वादा भी पूरा करते रहे


इन 20 सालों में राजनाथ सिंह के घर, कार्यालय और दिल के दरवाजे बृजेंद्र के लिए हर समय खुले रहे। अपने मार्गदर्शन में उन्होंने बृजेंद्र को डॉक्टर बनाकर सरकारी नौकरी तक पहुंचाया