मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड के लिए नया ''LOGO'
मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड के
लिए नया ''LOGO'' बनाया
गया है। इसमें स्पेक्ट्रम के प्राथमिक रंग यानी नीला, लाल और हरे रंग का समावेश किया गया है।
नीला रंग जिम्मेदारी, लाल रंग ऊर्जा और हरा रंग सुरक्षा को दर्शाता है। मेट्रो 'लोगो' में प्रदर्शित तीन अक्षर मेट्रो की
लाइन ट्रैक को और विभिन्न डॉट्स मेट्रो स्टेशनों को दर्शाते हैं। 'लोगो' का महत्वाकांक्षी मेगा-परियोजना का
प्रयोजन, जन
विकास एवं द्रुत गति परिवहन को आम-जन के लिए सुलभ कराने के लिए रचनात्मक डिजाइन
तैयार किया गया है। यह रचनात्मक 'लोगो' एक शानदार दृश्य अपील करता है, जो प्रकृति में वैश्विक है। यह MP METRO का न केवल राज्य बल्कि दुनिया को परिचय
देने के लिए तैयार है।
मध्यप्रदेश मेट्रो रेल का नया लोगो
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मध्यप्रदेश मेट्रो रेल का नया लोगो |
मेट्रो रेल स्टेशन के लिए निविदा
निर्माण के अगले चरण की ओर अग्रसर होते भोपाल
एवं इंदौर मेट्रो रेल स्टेशन्स की निविदाएँ जारी की जा रही हैं। भोपाल शहर में
सुभाष नगर के पास एवं इंदौर शहर में गांधीनगर के पास मेट्रो रेल डिपो के लिए
डीडीसी की नियुक्ति की गई है। डीडीसी द्वारा डिपो निर्माण के लिए तकनीकी परीक्षण
कर जल्द ही इंदौर एवं भोपाल की निविदाएँ आमंत्रित किये जाने की कार्यवाही की जा
रही है।
मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड के
अंतर्गत भोपाल एवं इंदौर शहर में मेट्रो रेल परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा
है। भोपाल में एम्स से करोंद चौराहा तथा भदभदा चौराहे से रत्नागिरी तिराहे तक दो
अनुमोदित मेट्रो कॉरिडोर का लगभग 30 कि.मी. का निर्माण किया जा रहा है। इंदौर में
अनुमोदित मेट्रो रिंग कॉरिडोर (बंगाली स्क्वायर-भंवरसाला-एयरपोर्ट-पलासिया-बंगाली
स्क्वायर) का लगभग 31.5 कि.मी. का निर्माण कार्य किया जा रहा है।
मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड का
पुनर्गठन किया गया है। भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश शासन के संयुक्त उद्यम की बैठक
विगत दिसम्बर माह में हो चुकी है। संयुक्त उद्यम में भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश
शासन के 5-5 नामांकित संचालक शामिल हैं। यह मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन
लिमिटेड से संबंधित सभी निर्णय लेने के लिए सक्षम होंगे।
संयुक्त उद्यम के निर्णय अनुसार नामांकन एवं
पारिश्रमिक समिति की 5 फरवरी को आयोजित बैठक में ऑर्गनाइजेशनल संरचना को बोर्ड के
अनुमोदन के लिए अनुशंसा की गई है। आवश्यक पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया भी प्रचलन
में है।