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शनिवार, 20 मार्च 2021

कोरोना आउट ब्रेक : नागपुर में एक ही दिन में मिले 3,235 कोरोना केस

 Nagpur Corona Case

कोरोना आउट ब्रेक : नागपुर में एक ही दिन में मिले 3,235 कोरोना केस


महाराष्ट्र कोरोना ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है। राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामले रोके नहीं रुक रहे हैं। हर दिन राज्य में कोरोना मामलों को लेकर नए रिकॉर्ड बनाते जा रहे हैं। इस बीच राज्य और केंद्र सरकार दोनों की चिताएं काफी बढ़ गई हैं। हालांकि कोरोना के मामले देश के कई और हिस्सों में भी बढ़े हैं लेकिन महाराष्ट्र में स्थिति ज्यादा ही चिंताजनक हो गई है। 

यही कारण है कि उद्धव सरकार ने राज्य के कई जिलों में तमाम तरह की पाबंदिया लागू की हैं। कहीं नाइट कर्फ्यू, तो कही कोरोना को लेकर कड़ी पाबंदियां लगाई गई हैं, लेकिन बड़ा सवाल अब भी यही है कि क्या इसके बाद भी कोरोना मामलों में कमी आ पाई है? राज्य के नागपुर जिले के आंकड़ों पर नजर डालें तो ऐसा होता बिल्कुल नजर नहीं आता है। बीते 24 घंटे में नागपुर में कुल 3,235 नए कोरोना मामले सामने आए हैं, वहीं 1245 लोग कोरोना से ठीक हुए हैं। इसके अलावा 35 लोगों की वायरस से मौत हो चुकी है। इसके साथ ही जिले में फिलहाल कुल 25,569 एक्टिव मामले मौजूद हैं।

वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लॉकडाउन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि संक्रमण को नियंत्रण में लाने के लिए लॉकडाउन एक विकल्प है, क्योंकि यहां केसों में चिंताजनक उछाल है। गुरुवार को महाराष्ट्र में 25,833 संक्रमित मिले हैं। महामारी की शुरुआत के बाद से पहली बार 24 घंटे में इतने लोग संक्रमित हुए हैं।

 

कोरोना केसों की बेहद तेज रफ्तार पर चिंता जाहिर करते हुए ठाकरे ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राज्य में हालात गंभीर होते जा रहे हैं। लॉकडाउन की संभावना को लेकर उन्होंने कहा, ''मैं आगे लॉकडाउन को एक विकल्प के रूप में देखता हूं। लेकिन मैं राज्य के लोगों पर भरोसा करता हूं कि वे सहयोग (कोविड-19 नियमों के पालन में) करेंगे, जैसे उन्होंने पहले किया था।''

इसके अलावा राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच राज्य सरकार ने शुक्रवार को थियेटर और सभागारों में आने वाले लोगों की संख्या सीमित रखने का आदेश दिया है। सरकार ने इनसे कहा है कि 31 मार्च तक ये 50 फीसदी क्षमता के साथ ही संचालन कर सकते हैं। शुक्रवार को सरकार की ओर से इसी तरह की जारी एक अधिसूचना में निजी दफ्तरों में सिर्फ 50 फीसदी स्टाफ बुलाने को कहा है। हालांकि स्वास्थ्य और जरूरी सेवा वाले कार्यालयों को इससे बाहर रखा गया है।