DAVV Indore: आफलाइन परीक्षा का विरोध हुआ तेज, ओपन बुक माध्यम से परीक्षा करवाने पर विचार
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए छात्र संगठन कर रहा है ऑफलाइन परीक्षा का विरोध
इंदौर : प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए अप्रैल में होने वाली आफलाइन परीक्षा का विरोध बढ़ने लगा है। छात्र संगठनों ने ओपन बुक पद्धति से परीक्षा करवाने पर जोर दिया है। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) ने भी उच्च शिक्षा विभाग को परीक्षा को लेकर पत्र लिखा है। मामले में उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने परीक्षा के विकल्प पर विचार करने में लगा है। ओपन बुक परीक्षा करवाने का प्रस्ताव उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव को भेजा है। मंजूरी मिलने के बाद इंतजार किया जा रहा है। हालांकि विश्वविद्यालय ओपन बुक के लिए भी तैयार है। इसके लिए अधिकारियों ने पहले से पेपर बना रखे है।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा बीए बीएससी और बीकॉम का परीक्षा टाइम टेबल घोषित कर दिया है । शेड्यूल भी फरवरी आखिरी सप्ताह में जारी कर दिया था। यहां तक विवि मई से जून के बीच एमए, एमकॉम और एमएससी की परीक्षा की रूपरेखा बना रहा है। मगर मार्च पहले सप्ताह से फिर एक बार कोरोना संक्रमण मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। इसे देखते हुए छात्रों ने आफलाइन परीक्षा का विरोध किया है। उनका तर्क है कि परीक्षा केंद्रों पर भीड़ होने से संक्रमण फैलने का डर है। साथ ही अन्य जिलों व शहरों से आने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा के दौरान ठहरने की समस्या बताई है, क्योंकि होस्टल अभी खुले नहीं है। जबकि कॉलेज का स्टाफ भी परीक्षा के पक्ष में नहीं है। उनका कहना है कि कापी देने और जमा करने के दौरान विद्यार्थियों से संपर्क होगा। इसे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। वहीं छात्र संगठन लगातार परीक्षा का विरोध कर रहे हैं।
मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्थिति से अवगत करते हुए विभाग को पत्र लिखा है। प्रभारी रजिस्ट्रार अनिल शर्मा का कहना है कि छात्र संगठनों की बात विभाग के समक्ष रख दी है। अतिरिक्त संचालक का कहना है कि मुख्यालय ने विद्यार्थियों की समस्या को देखते हुए परीक्षा को लेकर बैठक बुलवाई है। प्रस्ताव उच्च शिक्षा मंत्री को भेजा है।
पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में कोरोना के मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं उसको देखते हुए महाराष्ट्र की सीमा से लगे जिलों को सरकार द्वारा अलर्ट पर रखा गया है साथ में इंदौर में नाईट करफ्यू भी लगा दिया गया है, इन परिस्थितियों में विद्यार्थियों से परीक्षा लेना एक घातक कदम हो सकता है, जिसका विभिन्न छात्र संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं.