पंजाब : कृषि कानून विरोध के नाम पर आंदोलनकारी किसानों ने बीजेपी विधायक को निर्वस्त्र कर पीटा! - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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रविवार, 28 मार्च 2021

पंजाब : कृषि कानून विरोध के नाम पर आंदोलनकारी किसानों ने बीजेपी विधायक को निर्वस्त्र कर पीटा!

पंजाब : कृषि कानून विरोध के नाम पर आंदोलनकारी किसानों ने बीजेपी विधायक को निर्वस्त्र कर पीटा!



शनिवार को पंजाब के अबोहर में भाजपा विधायक अरुण नारंग नाराज किसानों के गुस्से का शिकार हो गए। केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों कानूनों से नाराज लोगों ने मलोट इलाके में भाजपा विधायक अरुण नारंग पर हमला कर दिया।

तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ  पंजाब और हरियाणा के किसानों में विशेष नाराजगी देखने को मिल रही है। पंजाब और हरियाणा में भाजपा नेताओं और जनप्रतिनिधियों को लोगों के गुस्से का खूब सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को पंजाब के अबोहर में भाजपा विधायक अरुण नारंग नाराज किसानों के गुस्से का शिकार हो गए। केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों कानूनों से नाराज लोगों ने मलोट इलाके में भाजपा विधायक अरुण नारंग पर हमला कर दिया। इस हमले में अरुण नारंग के कपड़े पूरी तरह से फट गए। हालांकि किसी तरह पुलिस वालों ने उन्हें हिंसक भीड़ से बचाया।

पंजाब के मलोट इलाके में कांग्रेस सरकार के चार साल पूरा होने पर राज्य सरकार के खिलाफ भाजपा ने एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाया था। अबोहर विधायक अरुण नारंग समेत कई और भाजपा नेता मलोट कार्यालय की तरफ जा रहे थे। हालांकि किसान पहले ही भाजपा नेताओं का कार्यालय के बाहर इंतजार कर रहे थे। जैसे ही नारंग अपनी कार से उतरे तो नाराज किसानों ने उन्हें घेर लिया और उनपर स्याही फेंक दी।  

हालांकि विधायक अरुण नारंग को भाजपा कार्यकर्ता और पुलिसकर्मी उन्हें एक पास की दुकान में ले गए। बाद में नारंग जैसे ही दुकान से बाहर आए तो लोगों ने उन्हें घेर लिया और उनपर हमला कर दिया। इस हमले में अरुण नारंग के कपड़े पूरी तरह से फट गए। बाद में पुलिस ने नारंग को उग्र भीड़ से बचाया लेकिन इसके बावजूद भी कुछ लोग उन्हें गाली देते रहे और पीटते रहे। अरुण नारंग के अलावा कुछ और नेताओं को भीड़ के गुस्से का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं नाराज लोगों ने भाजपा कार्यालय पर भी हमला कर दिया।

किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए भाजपा को अपना प्रेस कांफ्रेंस भी रद्द करना पड़ा। प्राप्त जानकारी के अनुसार नारंग को बचाने में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को भी हल्की चोटें आई है। बता दें कि कृषि कानून के पास होने के बाद से ही हरियाणा और पंजाब में भाजपा नेताओं को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। पिछले दिनों किसानों के प्रदर्शन के कारण हरियाणा के करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सभा भी रद्द करनी पड़ी थी। इतना ही नहीं उनका हेलीकॉप्टर भी कार्यक्रम स्थल पर नहीं उतर पाया था। जबकि करनाल मनोहर लाल खट्टर का गृह जिला है। 


गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब कृषि कानून विरोध के नाम पर असामाजिक लोगों ने इस तरह की हरकत की है.

 इसके पहले 26 जनवरी को  को भी असामाजिक तत्वों ने दिल्ली में हिंसा को अंजाम दिया था जिसमें  दिल्ली पुलिस के 300 से अधिक सिपाही घायल हो गए थे.

पंजाब में चुनाव प्रचार के दौरान BJP नेताओ को प्रचार करने से रोका गया था. कृषि कानून के विरोध के नाम पर हो रही इस तरह की घटनाएं लोगों के आंदोलन के प्रति भावनात्मक जुड़ाव को तोड़ रही हैं और धीरे धीरे आंदोलन से भीड़ कम होते जा रही है. 

वहीं राकेश टिकैत के बॉर्डर पर पक्के मकान निर्माण करने के ताजा बयान ने किसान मोर्चा को डाला असहज स्तिथी में 

 


किसान आंदोलन में चल रहे प्रदर्शन के दौरान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत बयान आंदोलन में नए-नए ट्वीस्ट लाते रहते हैं। दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व करने वाले भाकियू नेता राकेश टिकैत के बयान ने एक बार फिर संयुक्त किसान मोर्चा के समक्ष असमंज की स्थिति पैदा कर दी है। उन्होंने अपने ताजा बयान में एक बार फिर अड़ियन रुख अपनाते हुए कहा है कि वह दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर पक्के निर्माण करेंगे। वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा पहले ही साफ-साफ कह चुका है कि धरना प्रदर्शन स्थल पर किसी तरह का कोई भी पक्का निर्माण नहीं किया जाएगा।