कोरोना के खिलाफ जंग में भारतीय सेना बनी मिसाल, 99% फौजियों ने कराया वैक्सीनेशन
भारतीय सेना अपने शौर्य, साहस और संयम का समय-समय पर परिचय देती आई है, कोरोना के खिलाफ देश की जंग में भारतीय सेना ने अपने 99% फौजियों के वैक्सीनेशन के माध्यम से देश के सामने एक उदाहरण पेश किया है. इस समय जब पूरा देश कोरोना कि दूसरी लहर का सामना कर रहा है ऐसे में वैक्सीनेशन प्रोग्राम और कोविड प्रोटोकॉल के पालन में जीरो टॉलरेंस के दोहरे प्रयोग से सेना ने अपने यहां संक्रमण की दर लगभग शून्य पर लाकर समेट दी है। खास बात यह है कि सेना ने यह कमाल पिछले दो महीने से भी कम समय में कर दिखाया है।
देश में प्रतिदिन कोविड मामलों की संख्या की तुलना में सेना में संक्रमण की दर शून्य ही है। देश में रोजाना 3 से 3.25 लाख मामले आ रहे हैं इसके मुकाबले सेना में यह संख्या 50 से 60 के बीच भी नहीं है। जो नए केस आ रहे हैं, वे भी वो लोग हैं जो अपने परिवार के साथ बाहर रहने के कारण संक्रमित हो रहे हैं।
82% को दूसरा डोज भी दिया गया
कुल मिलाकर 400 सैन्य कर्मी होम आइसोलेशन में हैं जिनकी तेजी से रिकवरी हो रही है। सेना ने देशभर की सैन्य यूनिटों में मार्च से कोविड के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया था और 20 अप्रैल तक आते-आते करीब 14 लाख फौजियों में से 99% को वैक्सीन दे दी गई है। कमाल की बात यह है कि इनमें से 82% यानी करीब 11.5 लाख सैन्यकर्मियों को कोरोना का दूसरा टीका भी लगा दिया गया है।
कोरोना के खिलाफ जंग में सेना कर रही मदद
कोरोना के खिलाफ चल रही जंग को मजबूत करने के लिए भारतीय सेना जर्मनी से 23 मोबाइल ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट आयात कर रही है, ताकि सेना के हॉस्पिटल्स में ऑक्सीजन की कमी ना हो. इसके अलावा राजधानी दिल्ली स्थित बेस हॉस्पिटल को अब 1000 बेड में तब्दील करने की तैयारी है.
जानकारी के मुताबिक, जर्मनी से लाए जाने वाले इन सभी 23 मोबाइल ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट्स को सेना के अस्पताल में लगाया जाएगा. वहीं से सेना के कोविड हॉस्पिटल्स में ऑक्सीजन की सप्लाई की जाएगी. जर्मनी से एयरलिफ्ट कर इन प्लांट्स को भारत लाया जा रहा है.
बेस हॉस्पिटल को कोविड सुविधा में बदला गया
सेना को टीके का कवच पहनाने के बाद 22 अप्रैल से दिल्ली के बेस हॉस्पिटल को कोविड सुविधा में बदल दिया गया है। यहां ऑक्सीजन सुविधा के सभी 258 बिस्तरों पर मरीज भी दाखिल कर लिए गए हैं। सेना ने दिल्ली में एक हजार बिस्तरों वाला अपना अस्पताल भी आम जनता के लिए खोल दिया है.
भारतीय सेना ने देश की सेवा करने वाले पूर्व सैनिकों के लिए भी अपने अस्पतालों के दरवाजे खोल दिए हैं। इसके तहत सेना ने
पटना में 500, वाराणसी में 750, अहमदाबाद में 900 बिस्तर का अस्पताल जनता के लिए खोल दिया है.